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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsचोल किसके सामंत थे?
Correct
उत्तर (a)
व्याख्याः चोल, पल्लवों के सामंत थे। चोल वंश के शासक राजेन्द्र प्रथम ने गंगा घाटी, श्रीलंका तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों तक अपने साम्राज्य के विस्तार एवं सुरक्षा के लिये एक विशाल नौसेना का निर्माण किया था तथा बंगाल की खाड़ी को चोल झील के रूप में परिवर्तित कर दिया था।Incorrect
उत्तर (a)
व्याख्याः चोल, पल्लवों के सामंत थे। चोल वंश के शासक राजेन्द्र प्रथम ने गंगा घाटी, श्रीलंका तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों तक अपने साम्राज्य के विस्तार एवं सुरक्षा के लिये एक विशाल नौसेना का निर्माण किया था तथा बंगाल की खाड़ी को चोल झील के रूप में परिवर्तित कर दिया था। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsविजय नगर साम्राज्य का वह कौन-सा नगर है जो कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों की घाटी में स्थित है तथा इस स्थान के खंडहर विजय नगर की प्राचीन राजधानी का प्रतिनिधित्व करते हैं?
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः हम्पी नगर कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों की घाटी में स्थित है। यह नगर 1336 में स्थापित विजय नगर साम्राज्य का केंद्र स्थल था। हम्पी के शानदार खंडहरों से पता चलता है कि उस शहर की किलेबंदी उच्च कोटि की थी। किले की दीवारों के निर्माण में कहीं भी गारे-चूने जैसे किसी भी जोड़ने वाले मसाले का प्रयोग नहीं किया गया था और शिलाखंडों को आपस में फँसाकर गूंथा गया था। हम्पी (वर्तमान कर्नाटक) यूनेस्को की विश्व विरासत स्थलों की सूची में भी सम्मिलित है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः हम्पी नगर कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों की घाटी में स्थित है। यह नगर 1336 में स्थापित विजय नगर साम्राज्य का केंद्र स्थल था। हम्पी के शानदार खंडहरों से पता चलता है कि उस शहर की किलेबंदी उच्च कोटि की थी। किले की दीवारों के निर्माण में कहीं भी गारे-चूने जैसे किसी भी जोड़ने वाले मसाले का प्रयोग नहीं किया गया था और शिलाखंडों को आपस में फँसाकर गूंथा गया था। हम्पी (वर्तमान कर्नाटक) यूनेस्को की विश्व विरासत स्थलों की सूची में भी सम्मिलित है। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsपाचन तंत्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. पाचक रस सरल पदार्थों को जटिल बनाता है जो पाचन में सहायक है।
2. आमाशय की आंतरिक भित्ति, क्षुद्रांत्र तथा आहार नाल से संबंद्ध ग्रंथियाँ पाचक रस स्रावित करती हैं।
उपरोक्त कथनों में कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः
कथन 1 असत्य है क्योंकि पाचक रस जटिल पदार्थों को सरल बनाता है। आहारनाल एवं संबद्ध ग्रंथियाँ मिलकर पाचनतंत्र का निर्माण करती हैं।
आमाशय की आंतरिक भित्ति, क्षुद्रांत्र तथा आहार नाल से संबंद्ध ग्रंथियाँ पाचक रस स्रावित करती हैं जो पाचन में सहायक होते हैं। अतः कथन 2 सही है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः
कथन 1 असत्य है क्योंकि पाचक रस जटिल पदार्थों को सरल बनाता है। आहारनाल एवं संबद्ध ग्रंथियाँ मिलकर पाचनतंत्र का निर्माण करती हैं।
आमाशय की आंतरिक भित्ति, क्षुद्रांत्र तथा आहार नाल से संबंद्ध ग्रंथियाँ पाचक रस स्रावित करती हैं जो पाचन में सहायक होते हैं। अतः कथन 2 सही है। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सी अवसादी चट्टानों (शैलों) की विशेषता है?
1. अवसादी शैलों का निर्माण विभिन्न प्रकार के शैल अवसादों के निक्षेपण के द्वारा होता है।
2. इन शैलों में जीवाश्म होने की कोई संभावना नहीं होती है।
3. ये शैलें अपेक्षाकृत कम कठोर होती हैं।Correct
उत्तरः (C)
व्याख्याः विभिन्न प्रकार की शैलें लुढ़ककर, चटककर तथा एक-दूसरे से टकराकर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं। इन छोटे कणों को अवसाद कहते हैं। ये अवसाद हवा, जल आदि के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाकर निक्षेपित कर दिए जाते हैं। ये अदृढ़ अवसाद दबकर कठोर होकर शैल की परत बनाते हैं। इस कारण ये अपेक्षाकृत कम कठोर होते हैं तथा इन शैलों को अवसादी शैल कहते हैं। उदाहरण के लिये बलुआ पत्थर रेत के दानों से बनता है। इन शैलों में पौधों, जानवरों एवं अन्य सूक्ष्म जीव, जो कभी इन शैलों पर रहे हैं, के जीवाश्म भी पाए जाते हैं।Incorrect
उत्तरः (C)
व्याख्याः विभिन्न प्रकार की शैलें लुढ़ककर, चटककर तथा एक-दूसरे से टकराकर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं। इन छोटे कणों को अवसाद कहते हैं। ये अवसाद हवा, जल आदि के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाकर निक्षेपित कर दिए जाते हैं। ये अदृढ़ अवसाद दबकर कठोर होकर शैल की परत बनाते हैं। इस कारण ये अपेक्षाकृत कम कठोर होते हैं तथा इन शैलों को अवसादी शैल कहते हैं। उदाहरण के लिये बलुआ पत्थर रेत के दानों से बनता है। इन शैलों में पौधों, जानवरों एवं अन्य सूक्ष्म जीव, जो कभी इन शैलों पर रहे हैं, के जीवाश्म भी पाए जाते हैं। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1.संविधान में उल्लिखित समानता के अधिकार के अनुसार कानूनन सभी समान हैं अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति यानी देश के राष्ट्रपति से लेकर कामगारों/नौकरों तक सभी को समान कानून का पालन करना है।
2.किसी भी व्यक्ति के साथ उसके धर्म, जाति, वंश, जन्मस्थान और लिंग के आधार पर विभेद नहीं किया जा सकता।
उपर्युक्त में कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः संविधान में उल्लिखित समानता के अधिकार के अनुसार कानूनन सभी समान हैं अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति यानी देश के राष्ट्रपति से लेकर कामगारों/नौकरों तक सभी को समान कानून का पालन करना है।किसी भी व्यक्ति के साथ उसके धर्म, जाति, वंश, जन्मस्थान और लिंग के आधार पर विभेद नहीं किया जा सकता।दोनों कथन क्रमशः अनुच्छेद 14 व 15 को पुष्ट करते हैं।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः संविधान में उल्लिखित समानता के अधिकार के अनुसार कानूनन सभी समान हैं अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति यानी देश के राष्ट्रपति से लेकर कामगारों/नौकरों तक सभी को समान कानून का पालन करना है।किसी भी व्यक्ति के साथ उसके धर्म, जाति, वंश, जन्मस्थान और लिंग के आधार पर विभेद नहीं किया जा सकता।दोनों कथन क्रमशः अनुच्छेद 14 व 15 को पुष्ट करते हैं।
Thanks for sharing this basic NCERT quiz here. However, we would like to know if the translate option is available to work on the quiz available here. Your academy does a great job by sharing a good list of questions for students every day. Most students work on daily time-based tests.
Thanks for your appreciation. We are providing only in Hindi medium but after some time we will start it in English too.