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NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsऋग्वैदिक काल में काम के आधार पर वर्गीकृत दो समूहों पुरोहित व राजा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. पुरोहित जिन्हें कभी-कभी ब्राह्मण कहा जाता था तरह-तरह के यज्ञ और अनुष्ठान करते थे।
2. राजा महलों में रहते थे और शासन के लिये कर वसूल करते थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः⦁ पुरोहित को ही कभी-कभी ब्राह्मण कहा जाता था। ये यज्ञ और अनुष्ठान करते थे।
⦁ ऋग्वैदिक काल के राजा न तो बड़ी राजधानियों और महलों में रहते थे, न इनके पास सेना थी, न ही ये कर वसूलते थे। यही नहीं राजा की मृत्यु के बाद उसका बेटा अपने आप ही शासक नहीं बन जाता था, क्योंकि राजा एक प्रकार का सरदार था उसकी शक्तियाँ सीमित थीं। आभास होता है कि कबीले की आम सभा जो समिति कहलाती थी, अपने राजा को चुनती थी। अतः कथन 2 गलत है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः⦁ पुरोहित को ही कभी-कभी ब्राह्मण कहा जाता था। ये यज्ञ और अनुष्ठान करते थे।
⦁ ऋग्वैदिक काल के राजा न तो बड़ी राजधानियों और महलों में रहते थे, न इनके पास सेना थी, न ही ये कर वसूलते थे। यही नहीं राजा की मृत्यु के बाद उसका बेटा अपने आप ही शासक नहीं बन जाता था, क्योंकि राजा एक प्रकार का सरदार था उसकी शक्तियाँ सीमित थीं। आभास होता है कि कबीले की आम सभा जो समिति कहलाती थी, अपने राजा को चुनती थी। अतः कथन 2 गलत है। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा/से शब्द (नाम) ऋग्वेद में मिलता/मिलते है/हैं?
1. पुरु-जन या विश्
2. भरत-जन या विश्
3. यदु-जन या विश्
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये-Correct
उत्तरः (d)
व्याख्याः⦁ ऋग्वैदिक काल में जनता या पूरे समुदाय के लिये दो शब्दों ‘जन’ और ‘विश्’ का प्रयोग होता था। ‘वैश्य’ शब्द ‘विश्’ से ही निकला है।
⦁ ऋग्वेद में विश् और जनों के नाम मिलते हैं इसलिये हमें पुरु-जन या विश्, भरत-जन या विश्, यदु-जन या विश् जैसे कई उल्लेख मिलते हैं।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याः⦁ ऋग्वैदिक काल में जनता या पूरे समुदाय के लिये दो शब्दों ‘जन’ और ‘विश्’ का प्रयोग होता था। ‘वैश्य’ शब्द ‘विश्’ से ही निकला है।
⦁ ऋग्वेद में विश् और जनों के नाम मिलते हैं इसलिये हमें पुरु-जन या विश्, भरत-जन या विश्, यदु-जन या विश् जैसे कई उल्लेख मिलते हैं। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsआर्य लोग अपने विरोधियों को निम्नलिखित विकल्पों में से क्या कहते थे?
Correct
उत्तरः (d)
व्याख्याः⦁ आर्य लोग अपने विरोधियों को ‘दास’ या ‘दस्यु’ कहते थे। दस्यु वे लोग थे जो यज्ञ नहीं करते थे और शायद दूसरी भाषाएँ बोलते थे।
⦁ बाद के समय में दास (स्त्रीलिंगः दासी) शब्द का मतलब ‘गुलाम’ हो गया। उन्हें उनके मालिक की सम्पत्ति माना जाता था। जो भी काम मालिक चाहते थे उन्हें वह सब करना पड़ता था।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याः⦁ आर्य लोग अपने विरोधियों को ‘दास’ या ‘दस्यु’ कहते थे। दस्यु वे लोग थे जो यज्ञ नहीं करते थे और शायद दूसरी भाषाएँ बोलते थे।
⦁ बाद के समय में दास (स्त्रीलिंगः दासी) शब्द का मतलब ‘गुलाम’ हो गया। उन्हें उनके मालिक की सम्पत्ति माना जाता था। जो भी काम मालिक चाहते थे उन्हें वह सब करना पड़ता था। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsजिस युग में उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिम में ऋग्वेद की रचना हो रही थी उसी समय कुछ अन्य जगहों पर महापाषाणिक कब्रें बनाने की प्रथा का विकास हो रहा था। महापाषाणिक कब्रों की प्रथा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. यह प्रथा केवल दक्कन और दक्षिण भारत में प्रचलित थी।
2. कुछ महापाषाण ज़मीन के भीतर होते हैं। कुछ ज़मीन के ऊपर ही दिख जाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?Correct
उत्तरः (b)
व्याख्याः⦁ कब्र बनाने के लिये बड़े-बड़े पत्थरों का प्रयोग ही महापाषाण (महाः बड़ा, पाषाणः पत्थर) कहलाया। ये शिलाखंड दफ़न करने की जगह पर लोगों द्वारा बड़े अच्छे ढंग से लगाए गए थे।
⦁ महापाषाण कब्रें बनाने की प्रथा लगभग 3000 वर्ष पूर्व शुरू हुई। यह प्रथा दक्कन, दक्षिण भारत, उत्तर-पूर्वी भारत और कश्मीर में प्रचलित थी। अतः कथन 1 गलत है।
⦁ कुछ महापाषाण ज़मीन के ऊपर ही दिख जाते हैं। कुछ महापाषाण ज़मीन के भीतर भी होते हैं।
⦁ इस तरह के महापाषाणिक कब्रों को ताबूत शवाधान (सिस्ट) कहा जाता है।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः⦁ कब्र बनाने के लिये बड़े-बड़े पत्थरों का प्रयोग ही महापाषाण (महाः बड़ा, पाषाणः पत्थर) कहलाया। ये शिलाखंड दफ़न करने की जगह पर लोगों द्वारा बड़े अच्छे ढंग से लगाए गए थे।
⦁ महापाषाण कब्रें बनाने की प्रथा लगभग 3000 वर्ष पूर्व शुरू हुई। यह प्रथा दक्कन, दक्षिण भारत, उत्तर-पूर्वी भारत और कश्मीर में प्रचलित थी। अतः कथन 1 गलत है।
⦁ कुछ महापाषाण ज़मीन के ऊपर ही दिख जाते हैं। कुछ महापाषाण ज़मीन के भीतर भी होते हैं।
⦁ इस तरह के महापाषाणिक कब्रों को ताबूत शवाधान (सिस्ट) कहा जाता है। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा/से चिह्न ज़मीन के भीतर की महापाषाणिक कब्रों को दर्शाते हैं?
1. गोलाकार सजाए हुए पत्थर
2. अकेला खड़ा हुआ पत्थर
3. पत्थरों के बड़े चबूतरे
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर को चुनिये-Correct
उत्तरः (b)
व्याख्याः कभी गोलाकार सजाए हुए पत्थर और कभी अकेला खड़ा हुआ पत्थर ही एकमात्र प्रमाण है जो ज़मीन के अंदर की कब्रों को दर्शाते हैं।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः कभी गोलाकार सजाए हुए पत्थर और कभी अकेला खड़ा हुआ पत्थर ही एकमात्र प्रमाण है जो ज़मीन के अंदर की कब्रों को दर्शाते हैं।