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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsउष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों की विशेषताओं के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
1. ये वन भूमध्य रेखा एवं उष्णकटिबंध के पास पाए जाते हैं।
2. इन वनों के क्षेत्र गर्म होते हैं एवं पूरे वर्ष यहाँ अत्यधिक वर्षा होती है।
3. इन वनों में दिन के समय भी सूर्य का प्रकाश वन के अंदर तक नहीं पहुँच पाता।
4. इन वनों के वृक्ष शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ झाड़ देते हैं।
उपर्युक्त विशेषताओं में से कौन-सी विशेषताएँ सही हैं?Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः कथन 1, 2 एवं 3 सही हैं तथा कथन 4 गलत है। चूँकि उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन क्षेत्रों का मौसम कभी शुष्क नहीं होता, इसलिये यहाँ के पेड़ों की पत्तियाँ पूरी तरह नहीं झड़ती हैं। या दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि इन वन क्षेत्रों में वृक्षों की बहुत ज़्यादा प्रजातियाँ पाई जाती हैं एवं ये अलग-अलग समय में अपनी पत्तियाँ गिराते हैं, इस कारण से वन सदा हरे-भरे दिखाई देते हैं।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः कथन 1, 2 एवं 3 सही हैं तथा कथन 4 गलत है। चूँकि उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन क्षेत्रों का मौसम कभी शुष्क नहीं होता, इसलिये यहाँ के पेड़ों की पत्तियाँ पूरी तरह नहीं झड़ती हैं। या दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि इन वन क्षेत्रों में वृक्षों की बहुत ज़्यादा प्रजातियाँ पाई जाती हैं एवं ये अलग-अलग समय में अपनी पत्तियाँ गिराते हैं, इस कारण से वन सदा हरे-भरे दिखाई देते हैं। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsउष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनों के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन मानसूनी वन होते हैं।
2. इन वनों के वृक्ष जल संरक्षित करने के लिये शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ झाड़ देते हैं।Correct
उत्तरः (C)
व्याख्याः उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन मानसूनी वन होते हैं जो भारत, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया एवं मध्य अमेरिका के बड़े हिस्सों में पाए जाते हैं। इन क्षेत्रों में मौसमी परिवर्तन होते रहते हैं। जल संरक्षित करने के लिये शुष्क मौसम में यहाँ के वृक्ष पत्तियाँ झाड़ देते हैं।Incorrect
उत्तरः (C)
व्याख्याः उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन मानसूनी वन होते हैं जो भारत, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया एवं मध्य अमेरिका के बड़े हिस्सों में पाए जाते हैं। इन क्षेत्रों में मौसमी परिवर्तन होते रहते हैं। जल संरक्षित करने के लिये शुष्क मौसम में यहाँ के वृक्ष पत्तियाँ झाड़ देते हैं। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. पादपों के उगने के लिये सबसे अच्छी शीर्षमृदा दुमट मृदा है।
2. दुमट मृदा बालू, चिकनी मिट्टी और गाद का मिश्रण है।
3. गाद कणों का आमाप (साइज़) बालू और चिकनी मिट्टी के कणों के आमाप के बीच का होता है।
4. बलुई मिट्टी गेहूँ, चना और धान उगाने के लिये उपयुक्त है।
उपरोक्त कथनों में कौन-से सही हैं?Correct
उत्तरः (b)
व्याख्याः
पादपों के उगने के लिये सबसे अच्छी शीर्षमृदा दुमट मृदा है। यह दुमट मृदा, बालू, चिकनी मिट्टी और गाद का मिश्रण है। गाद कणों का आमाप (साइज़) बालू और चिकनी मिट्टी के कणों के आमाप के बीच का होता है। अतः कथन 1, 2 और 3 सही हैं। दुमट मृदा में भी ह्यूमस होता है। इस प्रकार की मृदा में पादपों के लिये उच्च जल धारण क्षमता होती है।
चिकनी मिट्टी (मृत्तिका) औत दुमट मिट्टी गेहूँ, चना और धान उगाने के लिये उपयुक्त है, जबकि कपास को बलुई-दुमट मृदा में उगाया जाता है। अतः कथन 4 गलत है। गेहूँ जैसी फसलें महीन मृण्मय मृदा में उगाई जाती हैं क्योंकि वह ह्यूमस से समृद्ध और अत्यधिक उर्वर होती है। कपास के लिये बलुई, दुमट मृदा अधिक उपयुक्त होती है, जिसमें जल की निकासी आसानी से हो जाती है और जो पर्याप्त परिमाण में वायु को धारण करती है।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः
पादपों के उगने के लिये सबसे अच्छी शीर्षमृदा दुमट मृदा है। यह दुमट मृदा, बालू, चिकनी मिट्टी और गाद का मिश्रण है। गाद कणों का आमाप (साइज़) बालू और चिकनी मिट्टी के कणों के आमाप के बीच का होता है। अतः कथन 1, 2 और 3 सही हैं। दुमट मृदा में भी ह्यूमस होता है। इस प्रकार की मृदा में पादपों के लिये उच्च जल धारण क्षमता होती है।
चिकनी मिट्टी (मृत्तिका) औत दुमट मिट्टी गेहूँ, चना और धान उगाने के लिये उपयुक्त है, जबकि कपास को बलुई-दुमट मृदा में उगाया जाता है। अतः कथन 4 गलत है। गेहूँ जैसी फसलें महीन मृण्मय मृदा में उगाई जाती हैं क्योंकि वह ह्यूमस से समृद्ध और अत्यधिक उर्वर होती है। कपास के लिये बलुई, दुमट मृदा अधिक उपयुक्त होती है, जिसमें जल की निकासी आसानी से हो जाती है और जो पर्याप्त परिमाण में वायु को धारण करती है। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsचेर जनजातियों के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
1. बादशाह अकबर के प्रसिद्ध सेनापति राजा मान सिंह ने चेर लोगों पर हमला कर उन्हें परास्त कर दिया।
2. इस युद्ध के बाद चेर मुगलों के पूरी तरह अधीन हो गए।
निम्न में से कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?Correct
उत्तरः (b)
व्याख्याः 1591 में अकबर के सेनापति मानसिंह ने चेर लोगों पर हमला किया और उन्हें परास्त किया। उन्हें लूट कर अच्छा-खासा माल इकट्ठा किया गया, लेकिन वे पूरी तरह अधीन नहीं बनाए गए। औरंगजेब के समय में मुगल सेनाओं ने चेर लोगों के कई किलों पर कब्ज़ा किया और उस जनजाति को अपना अधीनस्थ बना लिया।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः 1591 में अकबर के सेनापति मानसिंह ने चेर लोगों पर हमला किया और उन्हें परास्त किया। उन्हें लूट कर अच्छा-खासा माल इकट्ठा किया गया, लेकिन वे पूरी तरह अधीन नहीं बनाए गए। औरंगजेब के समय में मुगल सेनाओं ने चेर लोगों के कई किलों पर कब्ज़ा किया और उस जनजाति को अपना अधीनस्थ बना लिया। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsजनजातियों के संदर्भ में नीचे दिये गए सूची को आपस में मिलाइयेः
सूची-I सूची-II
A. भील 1. कर्नाटक और महाराष्ट्र की पहाड़ियाँ
B. कोली 2. दक्षिण भारत
C. गोंड 3. पश्चिमी और मध्य भारत
D. कोरागा 4. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़
कूटः
A B C DCorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः भीलों की बड़ी जनजाति पश्चिम और मध्य भारत में फैली हुई थी। सोलहवीं सदी का अंत आते-आते उनमें से कई एक जगह बसे खेतिहर और यहाँ तक कि जमींदार बन चुके थे। कर्नाटक और महाराष्ट्र की पहाड़ियाँ- कोली, बेराद तथा कई दूसरी जनजातियों के निवास स्थान थे। कोली लोग गुजरात के कई इलाकों में भी रहते थे। गोंड मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा साथ ही महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में बड़ी तादाद में फैले हुए थे। कोरागा, वेतर, मारवार जनजातियों की दक्षिण भारत में विशाल आबादी थी।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः भीलों की बड़ी जनजाति पश्चिम और मध्य भारत में फैली हुई थी। सोलहवीं सदी का अंत आते-आते उनमें से कई एक जगह बसे खेतिहर और यहाँ तक कि जमींदार बन चुके थे। कर्नाटक और महाराष्ट्र की पहाड़ियाँ- कोली, बेराद तथा कई दूसरी जनजातियों के निवास स्थान थे। कोली लोग गुजरात के कई इलाकों में भी रहते थे। गोंड मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा साथ ही महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में बड़ी तादाद में फैले हुए थे। कोरागा, वेतर, मारवार जनजातियों की दक्षिण भारत में विशाल आबादी थी।
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