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NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsवेद संख्या में 4 हैं। इनमें सबसे प्राचीन वेद निम्नलिखित में से कौन-सा है?
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः- वेद संख्या में चार हैं- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। इनमें सबसे प्राचीन वेद है ऋग्वेद, जिसकी रचना लगभग 3500 वर्ष पूर्व हुई।
- ऋग्वेद में एक हज़ार से ज़्यादा प्रार्थनाएँ हैं जिन्हें सूक्त कहा गया है। सूक्त का मतलब है, ‘अच्छी तरह से बोला गया।’
- ये सूक्त विभिन्न देवी-देवताओं की स्तुति में रचे गए हैं। इनमें 3 देवता बहुत महत्त्वपूर्ण हैं- अग्नि, इन्द्र और सोम। अग्नि आग के देवता, इन्द्र युद्ध के देवता और सोम वनस्पतियों के अधिपति हैं।
Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः- वेद संख्या में चार हैं- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। इनमें सबसे प्राचीन वेद है ऋग्वेद, जिसकी रचना लगभग 3500 वर्ष पूर्व हुई।
- ऋग्वेद में एक हज़ार से ज़्यादा प्रार्थनाएँ हैं जिन्हें सूक्त कहा गया है। सूक्त का मतलब है, ‘अच्छी तरह से बोला गया।’
- ये सूक्त विभिन्न देवी-देवताओं की स्तुति में रचे गए हैं। इनमें 3 देवता बहुत महत्त्वपूर्ण हैं- अग्नि, इन्द्र और सोम। अग्नि आग के देवता, इन्द्र युद्ध के देवता और सोम वनस्पतियों के अधिपति हैं।
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Question 2 of 5
2. Question
2 pointsऋग्वेद के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. ऋग्वेद में सभी सूक्तों की रचना पुरुषों द्वारा की गई थी।
2. ऋग्वेद की भाषा प्राक् संस्कृत या वैदिक संस्कृत कहलाती है।
3. ऋग्वेद का उच्चारण और श्रवण किया जाता था न कि इन्हें पढ़ा जाता था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः⦁ वैदिक प्रार्थनाओं की रचना ऋषियों द्वारा की गई थी। आचार्य विद्यार्थियों को इन्हें अक्षरों, शब्दों और वाक्यों में बाँटकर, सस्वर पाठ कंठस्थ करवाते थे।
⦁ अधिकांश सूक्तों के रचयिता, सीखने और सिखाने वाले पुरुष थे। कुछ प्रार्थनाओं की रचना महिलाओं ने भी की थी। अतः कथन 1 गलत है।
⦁ ऋग्वेद की भाषा प्राक् संस्कृत या वैदिक संस्कृत कहलाती है। ये संस्कृत वर्तमान में स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली संस्कृत से थोड़ी भिन्न है।
⦁ ऋग्वेद का उच्चारण और श्रवण किया जाता था न कि इन्हें पढ़ा जाता था। रचना के कई सदियों बाद इसे पहली बार लिखा गया। इसे छापने का काम तो लगभग 200 वर्ष पूर्व ही हुआ।
⦁ जिन लोगों ने इन प्रार्थनाओं की रचना की थी वे कभी-कभी खुद को आर्य कहते थे।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः⦁ वैदिक प्रार्थनाओं की रचना ऋषियों द्वारा की गई थी। आचार्य विद्यार्थियों को इन्हें अक्षरों, शब्दों और वाक्यों में बाँटकर, सस्वर पाठ कंठस्थ करवाते थे।
⦁ अधिकांश सूक्तों के रचयिता, सीखने और सिखाने वाले पुरुष थे। कुछ प्रार्थनाओं की रचना महिलाओं ने भी की थी। अतः कथन 1 गलत है।
⦁ ऋग्वेद की भाषा प्राक् संस्कृत या वैदिक संस्कृत कहलाती है। ये संस्कृत वर्तमान में स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली संस्कृत से थोड़ी भिन्न है।
⦁ ऋग्वेद का उच्चारण और श्रवण किया जाता था न कि इन्हें पढ़ा जाता था। रचना के कई सदियों बाद इसे पहली बार लिखा गया। इसे छापने का काम तो लगभग 200 वर्ष पूर्व ही हुआ।
⦁ जिन लोगों ने इन प्रार्थनाओं की रचना की थी वे कभी-कभी खुद को आर्य कहते थे। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsऋग्वेद में निम्नलिखित में से किन नदियों का उल्लेख सबसे कम हुआ है?
1. सरस्वती
2. सिन्धु
3. गंगा
4. यमुना
5. व्यास
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः⦁ ऋग्वेद में सरस्वती, सिन्धु और उसकी सहायक नदियों (व्यास, सतलज व अन्य) का वर्णन कई बार हुआ है परंतु गंगा और यमुना का उल्लेख सिर्फ एक बार हुआ है।
⦁ ऋग्वेद में सर्वाधिक वर्णित नदी ‘सिंधु’ है तथा सर्वाधिक पवित्र नदी ‘सरस्वती’ है।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः⦁ ऋग्वेद में सरस्वती, सिन्धु और उसकी सहायक नदियों (व्यास, सतलज व अन्य) का वर्णन कई बार हुआ है परंतु गंगा और यमुना का उल्लेख सिर्फ एक बार हुआ है।
⦁ ऋग्वेद में सर्वाधिक वर्णित नदी ‘सिंधु’ है तथा सर्वाधिक पवित्र नदी ‘सरस्वती’ है। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsसूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर चुनियेः
सूची-I(भाषा) सूची-II(भाषा परिवार) A. संस्कृत 1. ऑस्ट्रो-एशियाटिक भाषा परिवार B. पूर्वोत्तर क्षेत्रों की भाषा 2. द्रविड़ भाषा परिवार C. मलयालम 3. तिब्बत-बर्मा भाषा परिवार D. मध्य भारत की भाषा 4. भारोपीय (भारत-यूरोपीय) भाषा परिवार कूटः
A B C D
Correct
उत्तरः (b)
व्याख्याः⦁ संस्कृत भाषा भारोपीय भाषा परिवार का हिस्सा है। भारत की कई भाषाएँ, जैसे- असमिया, गुजराती, हिन्दी, कश्मीरी और सिंधी, एशियाई भाषाएँ, जैसे- फारसी तथा यूरोप की बहुत-सी भाषाएँ, जैसे- अंग्रेज़ी, फारसी, जर्मन, यूनानी, इतालवी, स्पेनिश आदि इस परिवार से जुड़ी हुई हैं। इन्हें एक भाषा परिवार इसलिये कहा जाता है क्योंकि आरंभ में उनमें कई शब्द एक जैसे थे। उदाहरण के लिये ‘मातृ’ (संस्कृत), ‘माँ’ (हिन्दी) और मदर (अंग्रेज़ी)।
⦁ भारतीय उपमहाद्वीप में दूसरे भाषा-परिवार की भाषाएँ भी बोली जाती हैं। पूर्वोत्तर प्रदेशों में तिब्बत-बर्मा परिवार की भाषा बोली जाती है।
⦁ तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम भाषाएँ द्रविड़ परिवार की भाषाएँ हैं।
⦁ जबकि झारखंड और मध्य भारत के कई हिस्सों में बोली जाने वाली भाषाएँ ऑस्ट्रो-एशियाटिक परिवार से जुड़ी हैं।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः⦁ संस्कृत भाषा भारोपीय भाषा परिवार का हिस्सा है। भारत की कई भाषाएँ, जैसे- असमिया, गुजराती, हिन्दी, कश्मीरी और सिंधी, एशियाई भाषाएँ, जैसे- फारसी तथा यूरोप की बहुत-सी भाषाएँ, जैसे- अंग्रेज़ी, फारसी, जर्मन, यूनानी, इतालवी, स्पेनिश आदि इस परिवार से जुड़ी हुई हैं। इन्हें एक भाषा परिवार इसलिये कहा जाता है क्योंकि आरंभ में उनमें कई शब्द एक जैसे थे। उदाहरण के लिये ‘मातृ’ (संस्कृत), ‘माँ’ (हिन्दी) और मदर (अंग्रेज़ी)।
⦁ भारतीय उपमहाद्वीप में दूसरे भाषा-परिवार की भाषाएँ भी बोली जाती हैं। पूर्वोत्तर प्रदेशों में तिब्बत-बर्मा परिवार की भाषा बोली जाती है।
⦁ तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम भाषाएँ द्रविड़ परिवार की भाषाएँ हैं।
⦁ जबकि झारखंड और मध्य भारत के कई हिस्सों में बोली जाने वाली भाषाएँ ऑस्ट्रो-एशियाटिक परिवार से जुड़ी हैं। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsऋग्वैदिक युद्धों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः⦁ ऋग्वेद में मवेशियों, बच्चों (खासकर पुत्रों) और घोड़ों की प्राप्ति के लिये अनेक प्रार्थनाएँ हैं। घोड़ों को लड़ाई में रथ खींचने के काम में लाया जाता था।
⦁ इन लड़ाइयों में मवेशी जीतकर लाए जाते थे। लड़ाइयाँ वैसी ज़मीन के लिये भी लड़ी जाती थीं जहाँ अच्छे चारागाह हों या जहाँ पर ‘जौ’ जैसी जल्दी तैयार हो जाने वाली फसलों को उपजाया जा सकता हो।
⦁ कुछ लड़ाइयाँ पानी के स्रोतों और लोगों को बंदी बनाने के लिये भी लड़ी जाती थीं।
⦁ युद्ध में जीते गए धन का कुछ भाग सरदार रख लेते थे तथा कुछ हिस्सा पुरोहितों को दिया जाता था। शेष धन आम लोगों में बाँटा जाता था। कुछ धन यज्ञ के लिये भी प्रयुक्त होता था। अतः कथन (c) गलत है।
⦁ यज्ञ की आग में घी, अनाज और कभी-कभी जानवरों की आहुति भी दी जाती थी।
⦁ अधिकांश पुरुष इन युद्धों में भाग लेते थे। इस समय कोई स्थायी सेना नहीं होती थी, लेकिन लोग सभाओं में मिलते-जुलते थे और युद्ध व शांति के विषय में सलाह-मशविरा करते थे। वहाँ ये ऐसे लोगों को अपना सरदार चुनते थे जो बहादुर और कुशल योद्धा हों।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः⦁ ऋग्वेद में मवेशियों, बच्चों (खासकर पुत्रों) और घोड़ों की प्राप्ति के लिये अनेक प्रार्थनाएँ हैं। घोड़ों को लड़ाई में रथ खींचने के काम में लाया जाता था।
⦁ इन लड़ाइयों में मवेशी जीतकर लाए जाते थे। लड़ाइयाँ वैसी ज़मीन के लिये भी लड़ी जाती थीं जहाँ अच्छे चारागाह हों या जहाँ पर ‘जौ’ जैसी जल्दी तैयार हो जाने वाली फसलों को उपजाया जा सकता हो।
⦁ कुछ लड़ाइयाँ पानी के स्रोतों और लोगों को बंदी बनाने के लिये भी लड़ी जाती थीं।
⦁ युद्ध में जीते गए धन का कुछ भाग सरदार रख लेते थे तथा कुछ हिस्सा पुरोहितों को दिया जाता था। शेष धन आम लोगों में बाँटा जाता था। कुछ धन यज्ञ के लिये भी प्रयुक्त होता था। अतः कथन (c) गलत है।
⦁ यज्ञ की आग में घी, अनाज और कभी-कभी जानवरों की आहुति भी दी जाती थी।
⦁ अधिकांश पुरुष इन युद्धों में भाग लेते थे। इस समय कोई स्थायी सेना नहीं होती थी, लेकिन लोग सभाओं में मिलते-जुलते थे और युद्ध व शांति के विषय में सलाह-मशविरा करते थे। वहाँ ये ऐसे लोगों को अपना सरदार चुनते थे जो बहादुर और कुशल योद्धा हों।