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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsसूफी शब्दावली में ‘खानकाहों’ का तात्पर्य है:
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः खानकाहः सूफी संस्था जहाँ सूफी संत अक्सर रहते भी थे। सूफी संत अपने खानकाहों में विशेष बैठकों का आयोजन करते थे जहाँ सभी प्रकार के भक्तगण जिनमें शाही घरानों के लोग, अभिजात और आम लोग भी शामिल होते थे। सूफी लोगों के साथ आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा करते थे। अक्सर लोग यह समझते थे कि सूफी औलियाओं के पास चमत्कारिक शक्तियाँ होती हैं।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः खानकाहः सूफी संस्था जहाँ सूफी संत अक्सर रहते भी थे। सूफी संत अपने खानकाहों में विशेष बैठकों का आयोजन करते थे जहाँ सभी प्रकार के भक्तगण जिनमें शाही घरानों के लोग, अभिजात और आम लोग भी शामिल होते थे। सूफी लोगों के साथ आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा करते थे। अक्सर लोग यह समझते थे कि सूफी औलियाओं के पास चमत्कारिक शक्तियाँ होती हैं। -
Question 2 of 5
2. Question
2 points‘चिश्ती सिलसिले’ के संदर्भ में कौन-सा/से कथन सही नहीं है/हैं?
1. यह भारत का सबसे प्राचीन संगठित एवं प्रभावशाली सिलसिला था।
2. भारत में चिश्ती परंपरा के प्रथम संत ख्वाज़ा मुइनुद्दीन चिश्ती थे।
3. चिश्ती सिलसिले की स्थापना इराक में हुई थी।
कूट :Correct
उत्तरः (d)
व्याख्याः केवल कथन 3 गलत है। चिश्ती सिलसिले की स्थापना इराक में नहीं बल्कि अबू इशाक ने ईरान के उत्तरी-पूर्वी प्रांत खुरासान में की थी।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याः केवल कथन 3 गलत है। चिश्ती सिलसिले की स्थापना इराक में नहीं बल्कि अबू इशाक ने ईरान के उत्तरी-पूर्वी प्रांत खुरासान में की थी। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsतुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना किस भाषा में की है?
Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना पूर्वी उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली भाषा अवधी में की है। यह उनके भक्ति भाव की अभिव्यक्ति और साहित्यिक कृति दोनों दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है। इसके अलावा इन्होंने विनयपत्रिका, गीतावली, कवितावली, बरवै रामायण आदि की रचना की।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना पूर्वी उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली भाषा अवधी में की है। यह उनके भक्ति भाव की अभिव्यक्ति और साहित्यिक कृति दोनों दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है। इसके अलावा इन्होंने विनयपत्रिका, गीतावली, कवितावली, बरवै रामायण आदि की रचना की। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsनीचे दी गई रचनाओं में से कौन-सी सूरदास के द्वारा रचित हैं?
1. सूरसागर
2. सूरसारावली
3. साहित्य लहरी
कूट :Correct
उत्तरः (d)
व्याख्याः सूरदास ने सूरसागर, सूरसारावली एवं साहित्य लहरी की रचना की। सूरदास श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे। अकबर तथा जहाँगीर इनके समकालीन थे। इन्होंने अपने ग्रंथों की रचना ब्रजभाषा में की।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याः सूरदास ने सूरसागर, सूरसारावली एवं साहित्य लहरी की रचना की। सूरदास श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे। अकबर तथा जहाँगीर इनके समकालीन थे। इन्होंने अपने ग्रंथों की रचना ब्रजभाषा में की। -
Question 5 of 5
5. Question
2 points‘नामघर’ (कविता पाठ और प्रार्थनागृह) स्थापित करने की पद्धति किसने शुरू की?
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः असम के शंकरदेव (परवर्ती 15वीं शताब्दी) जो मूर्तिपूजा एवं कर्मकांड के विरोधी थे, उन्होंने ही ‘नामघर’ (कविता पाठ और प्रार्थनागृह) स्थापित करने की पद्धति चलाई, जो आज तक चल रही है। इन्होंने विष्णु की भक्ति पर बल दिया, किंतु उनकी मूर्तिपूजा का विरोध किया। साथ ही असमिया भाषा में नाटक एवं कविताएँ लिखीं।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः असम के शंकरदेव (परवर्ती 15वीं शताब्दी) जो मूर्तिपूजा एवं कर्मकांड के विरोधी थे, उन्होंने ही ‘नामघर’ (कविता पाठ और प्रार्थनागृह) स्थापित करने की पद्धति चलाई, जो आज तक चल रही है। इन्होंने विष्णु की भक्ति पर बल दिया, किंतु उनकी मूर्तिपूजा का विरोध किया। साथ ही असमिया भाषा में नाटक एवं कविताएँ लिखीं।