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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsनीचे दिये गए कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. उपग्रह अपने ग्रहों की परिक्रमा करते हैं साथ ही साथ सूर्य की भी परिक्रमा करते हैं।
2. पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा का व्यास पृथ्वी के व्यास से आधा है।
कूटःCorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः उपग्रह को अंग्रेज़ी में सैटेलाइट कहते हैं, जिसका अर्थ होता है साथी या सहचर। अपने नाम को सार्थक करते हुए उपग्रह अपने ग्रहों की परिक्रमा करते हुए सूर्य के इर्द गिर्द भी चक्कर लगाते हैं।
हमारी पृथ्वी के पास केवल एक, उपग्रह है, चंद्रमा। इसका व्यास, पृथ्वी के व्यास का केवल एक चौथाई (¼th) है। यह इतना बड़ा इसलिये प्रतीत होता है क्योंकि यह हमारे ग्रह से अन्य खगोलीय पिंडों की अपेक्षा नजदीक है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः उपग्रह को अंग्रेज़ी में सैटेलाइट कहते हैं, जिसका अर्थ होता है साथी या सहचर। अपने नाम को सार्थक करते हुए उपग्रह अपने ग्रहों की परिक्रमा करते हुए सूर्य के इर्द गिर्द भी चक्कर लगाते हैं।
हमारी पृथ्वी के पास केवल एक, उपग्रह है, चंद्रमा। इसका व्यास, पृथ्वी के व्यास का केवल एक चौथाई (¼th) है। यह इतना बड़ा इसलिये प्रतीत होता है क्योंकि यह हमारे ग्रह से अन्य खगोलीय पिंडों की अपेक्षा नजदीक है। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsप्राचीन भारत के प्रसिद्ध खगोलशात्री कौन थे?
Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः खगोलीय पिंडों एवं उनकी गति के संबंध में अध्ययन करने वालों को खगोलशात्री कहते हैं। आर्यभट्ट प्राचीन भारत के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री थे।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः खगोलीय पिंडों एवं उनकी गति के संबंध में अध्ययन करने वालों को खगोलशात्री कहते हैं। आर्यभट्ट प्राचीन भारत के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री थे। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsनीचे दिये गए कथन एवं कारण पर विचार कीजिये-
कथनः पृथ्वी से हमें चन्द्रमा का केवल एक ही भाग दिखाई देता है।
कारणः चन्द्रमा के द्वारा पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाला समय अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करने में लगने वाले समय से अधिक है।Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः कथन सही है एवं कारण गलत है। चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर लगभग 27 दिनों में पूरा करता है। लगभग इतने ही समय में यह अपने अक्ष पर एक चक्कर भी पूरा करता है। अतः चंद्रमा के द्वारा पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाला समय अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करने में लगने वाले समय के बराबर ही होता है। इसके परिणामस्वरूप पृथ्वी से हमें चंद्रमा का केवल एक ही भाग दिखाई देता है।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः कथन सही है एवं कारण गलत है। चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर लगभग 27 दिनों में पूरा करता है। लगभग इतने ही समय में यह अपने अक्ष पर एक चक्कर भी पूरा करता है। अतः चंद्रमा के द्वारा पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाला समय अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करने में लगने वाले समय के बराबर ही होता है। इसके परिणामस्वरूप पृथ्वी से हमें चंद्रमा का केवल एक ही भाग दिखाई देता है। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsनीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये-
1. सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पत्थरों के छोटे-छोटे टुकड़ों को उल्का पिंड कहते हैं।
2. खुले आकाश में फैली, एक-छोर से दूसरे छोर तक चौड़ी सफेद पट्टी, जो कि लाखों तारों का समूह है। इसे आकाश गंगा कहते हैं।
ऊपर दिये गए कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
कूटःCorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं। सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पत्थरों के छोटे-छोटे टुकड़ों को उल्का पिंड कहते हैं।
खुले आकाश में एक छोर से दूसरे छोर तक फैली चौड़ी सफेद पट्टी, जो कि एक चमकदार रास्ते की तरह दिखती है, यह लाखों तारों का समूह है। यह पट्टी आकाशगंगा है। हमारा सौरमंडल आकाश गंगा का ही एक भाग है। प्राचीन भारत में इसकी कल्पना आकाश में प्रकाश की एक बहती नदी से की गई थी। इस प्रकार इसका नाम आकाश गंगा पड़ा।
लाखों अकाश गंगाएँ मिलकर ब्रह्मांड का निर्माण करते हैं।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं। सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पत्थरों के छोटे-छोटे टुकड़ों को उल्का पिंड कहते हैं।
खुले आकाश में एक छोर से दूसरे छोर तक फैली चौड़ी सफेद पट्टी, जो कि एक चमकदार रास्ते की तरह दिखती है, यह लाखों तारों का समूह है। यह पट्टी आकाशगंगा है। हमारा सौरमंडल आकाश गंगा का ही एक भाग है। प्राचीन भारत में इसकी कल्पना आकाश में प्रकाश की एक बहती नदी से की गई थी। इस प्रकार इसका नाम आकाश गंगा पड़ा।
लाखों अकाश गंगाएँ मिलकर ब्रह्मांड का निर्माण करते हैं। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsविषुवत वृत्त के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये-
1. विषुवत वृत्त 0° अक्षांश को प्रदर्शित करता है।
2. विषुवत वृत्त का प्रत्येक बिन्दु दोनों ध्रुवों से समान दूरी पर होता है।
3. विषुवत वृत्त से उत्तर या दक्षिण की कोणीय दूरी की माप को देशांतर कहते हैं।
उपरोक्त में से कौन-से कथन सत्य हैं?Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः केवल कथन (1) एवं (2) ही सही हैं। विषुवत वृत्त से उत्तर या दक्षिण की कोणीय दूरी की माप को अक्षांश कहते हैं। इसे विषुवत वृत्त से दोनों ध्रुवों की ओर अंशों में मापा जाता है। विषुवत वृत्त से ध्रुवों तक स्थित सभी समानांतर वृत्तों को अक्षांश रेखाएँ कहा जाता है। विषुवत वृत्त एक काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाँटती है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः केवल कथन (1) एवं (2) ही सही हैं। विषुवत वृत्त से उत्तर या दक्षिण की कोणीय दूरी की माप को अक्षांश कहते हैं। इसे विषुवत वृत्त से दोनों ध्रुवों की ओर अंशों में मापा जाता है। विषुवत वृत्त से ध्रुवों तक स्थित सभी समानांतर वृत्तों को अक्षांश रेखाएँ कहा जाता है। विषुवत वृत्त एक काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाँटती है।