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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 points1857 के विद्रोह की शुरुआत निम्नलिखित में से कब हुई?
Correct
उत्तरः (b)
व्याख्याः
29 मार्च, 1857 को युवा सिपाही मंगल पांडे को बैरकपुर में अपने अफसरों पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया तथा मुकदमा चलाकर अप्रैल 1857 में फाँसी पर लटका दिया गया। इसके बाद मेरठ में तैनात कुछ सिपाहियों ने नए कारतूसों के साथ फौजी अभ्यास से मना कर दिया, क्योंकि उनको लगता था कि इन पर गाय और सूअर की चर्बी लगी है। इसके लिये 9 मई को 85 सैनिकों को 10-10 साल की सजा दी गई।
10 मई को मेरठ में तैनात दूसरे सिपाहियों ने मेरठ की जेल पर धावा बोलकर वहाँ से सिपाहियों को आज़ाद कराया। 10 मई की रात को ही कुछ सैनिकों की टोली ने दिल्ली पहुँचकर मुगल सम्राट बहादुरशाह ज़फर को अपना नेता घोषित कर दिया और 11 मई की सुबह से ही ये विद्रोह शुरू हो गया।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः
29 मार्च, 1857 को युवा सिपाही मंगल पांडे को बैरकपुर में अपने अफसरों पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया तथा मुकदमा चलाकर अप्रैल 1857 में फाँसी पर लटका दिया गया। इसके बाद मेरठ में तैनात कुछ सिपाहियों ने नए कारतूसों के साथ फौजी अभ्यास से मना कर दिया, क्योंकि उनको लगता था कि इन पर गाय और सूअर की चर्बी लगी है। इसके लिये 9 मई को 85 सैनिकों को 10-10 साल की सजा दी गई।
10 मई को मेरठ में तैनात दूसरे सिपाहियों ने मेरठ की जेल पर धावा बोलकर वहाँ से सिपाहियों को आज़ाद कराया। 10 मई की रात को ही कुछ सैनिकों की टोली ने दिल्ली पहुँचकर मुगल सम्राट बहादुरशाह ज़फर को अपना नेता घोषित कर दिया और 11 मई की सुबह से ही ये विद्रोह शुरू हो गया। -
Question 2 of 5
2. Question
2 points1857 के विद्रोह में अलग-अलग क्षेत्रों में अनेक लोगों ने नेतृत्व सँभाला। क्षेत्र और नेतृत्व के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजियेः
1. बिरजिस कद्र : लखनऊ
2. रानी लक्ष्मीबाई : झांसी
3. रानी अवन्ति बाई लोधी : कानपुर
4. कुँवर सिंह : मंडला (म.प्र.)
5. मौलवी अहमदुल्ला शाह : फैजाबाद
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः
1857 के विद्रोह के दौरान स्वर्गीय पेशवा बाजीराव के दत्तक पुत्र नाना साहेब ने कानपुर से ब्रिटिश सैनिकों को खदेड़ा और खुद को पेशवा तथा बहादुरशाह ज़फर के तहत गवर्नर घोषित किया।
लखनऊ की गद्दी से हटा दिये गए नवाब वाजिद अली शाह के बेटे बिरजिस कद्र को नवाब घोषित कर दिया गया। उनकी माँ बेगम हजरत महल ने अंग्रेज़ों के खिलाफ विद्रोहों को बढ़ावा देने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
झांसी में रानी लक्ष्मीबाई ने नाना साहेब के सेनापति तांत्या टोपे के साथ मिलकर अंग्रेज़ों को भारी चुनौती दी।
मध्य प्रदेश के मंडला क्षेत्र में राजगढ़ की रानी अवन्ति बाई लोधी ने 4000 सैनिकों की फौज तैयार की और अंग्रेज़ों के खिलाफ उसका नेतृत्व किया।
फैजाबाद में मौलवी अहमदुल्ला शाह ने नेतृत्व की कमान सँभाली।
बिहार के एक पुराने ज़मींदार कुँवर सिंह ने भी विद्रोही सिपाहियों का नेतृत्व करते हुए महीनों तक अंग्रेज़ों से लड़ाई लड़ी।
विद्रोह बहुत व्यापक था, परंतु अन्त में अंग्रेज़ सफल हुए। सितंबर 1857 में दिल्ली दोबारा अंग्रेज़ों के कब्ज़े में आ गई। बहादुरशाह और उनकी पत्नी बेगम जीनत महल को अक्तूबर 1858 में रंगून जेल में भेज दिया गया। इसी जेल में 1862 में बहादुरशाह ज़फर ने अंतिम सांस ली।
मार्च 1858 में लखनऊ अंग्रेज़ों के कब्ज़े में चला गया। जून 1858 में रानी लक्ष्मीबाई की शिकस्त हुई और उन्हें मार दिया गया। ऐसा ही रानी अवन्ति बाई लोधी के साथ हुआ।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः
1857 के विद्रोह के दौरान स्वर्गीय पेशवा बाजीराव के दत्तक पुत्र नाना साहेब ने कानपुर से ब्रिटिश सैनिकों को खदेड़ा और खुद को पेशवा तथा बहादुरशाह ज़फर के तहत गवर्नर घोषित किया।
लखनऊ की गद्दी से हटा दिये गए नवाब वाजिद अली शाह के बेटे बिरजिस कद्र को नवाब घोषित कर दिया गया। उनकी माँ बेगम हजरत महल ने अंग्रेज़ों के खिलाफ विद्रोहों को बढ़ावा देने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
झांसी में रानी लक्ष्मीबाई ने नाना साहेब के सेनापति तांत्या टोपे के साथ मिलकर अंग्रेज़ों को भारी चुनौती दी।
मध्य प्रदेश के मंडला क्षेत्र में राजगढ़ की रानी अवन्ति बाई लोधी ने 4000 सैनिकों की फौज तैयार की और अंग्रेज़ों के खिलाफ उसका नेतृत्व किया।
फैजाबाद में मौलवी अहमदुल्ला शाह ने नेतृत्व की कमान सँभाली।
बिहार के एक पुराने ज़मींदार कुँवर सिंह ने भी विद्रोही सिपाहियों का नेतृत्व करते हुए महीनों तक अंग्रेज़ों से लड़ाई लड़ी।
विद्रोह बहुत व्यापक था, परंतु अन्त में अंग्रेज़ सफल हुए। सितंबर 1857 में दिल्ली दोबारा अंग्रेज़ों के कब्ज़े में आ गई। बहादुरशाह और उनकी पत्नी बेगम जीनत महल को अक्तूबर 1858 में रंगून जेल में भेज दिया गया। इसी जेल में 1862 में बहादुरशाह ज़फर ने अंतिम सांस ली।
मार्च 1858 में लखनऊ अंग्रेज़ों के कब्ज़े में चला गया। जून 1858 में रानी लक्ष्मीबाई की शिकस्त हुई और उन्हें मार दिया गया। ऐसा ही रानी अवन्ति बाई लोधी के साथ हुआ। -
Question 3 of 5
3. Question
2 points1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेज़ों द्वारा किये गए अहम बदलावों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. ब्रिटिश मंत्रिमंडल के एक सदस्य को भारत राज्य के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया।
2. भारत के गवर्नर जनरल को इंग्लैण्ड के राजा/रानी का निजी प्रतिनिधि घोषित कर दिया गया।
3. सेना में भारतीय सिपाहियों का अनुपात और उनका वेतन बढ़ाने का फैसला किया गया।
4. मुसलमानों की ज़मीन और सम्पत्ति बड़े पैमाने पर ज़ब्त की गई।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः अंग्रेज़ों ने जो अहम बदलाव किये वे निम्नलिखित हैं-
1. ब्रिटिश संसद ने 1858 में एक नया कानून पारित किया और ईस्ट इंडिया कंपनी के सारे अधिकार ब्रिटिश साम्राज्य के हाथ में सौंप दिये ताकि भारतीय मामलों को ज़्यादा बेहतर ढंग से सँभाला जा सके। ब्रिटिश मंत्रिमंडल के एक सदस्य को भारत राज्य के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया। उसे भारत के शासन से संबंधित मामलों को सँभालने का ज़िम्मा सौंपा गया। उसे सलाह देने के लिये एक परिषद का गठन किया गया, जिसे इंडिया काउंसिल कहा जाता था। अतः कथन 1 सही है।
2. भारत के गवर्नर जनरल को वायसराय का ओहदा दिया गया। इस प्रकार उसे इंग्लैंड के राजा/रानी का निजी प्रतिनिधि घोषित कर दिया गया। फलस्वरूप, अंग्रेज़ सरकार ने भारत के शासन की ज़िम्मेदारी सीधे अपने हाथों में ले ली। अतः कथन 2 भी सही है।
3. देश के सभी शासकों को भरोसा दिया गया कि भविष्य में कभी भी उनके भूक्षेत्र पर कब्ज़ा नहीं किया जाएगा। उन्हें अपनी रियासत अपने वंशजों, यहाँ तक कि दत्तक पुत्रों को सौंपने की छूट दे दी गई, लेकिन उन्हें इस बात के लिये प्रेरित किया गया कि वे ब्रिटेन की रानी को अपना अधिपति स्वीकार करें। इस तरह, भारतीय शासकों को ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन शासन चलाने की छूट दी गई।
4. सेना में भारतीय सिपाहियों का अनुपात कम करने और यूरोपीय सिपाहियों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया गया। यह भी तय किया गया कि अवध, बिहार, मध्य भारत और दक्षिण भारत के सिपाहियों को भर्ती करने की बजाय अब गोरखा, सिखों और पठानों में से ज़्यादा सिपाही भर्ती किये जाएंगे। अतः कथन 3 गलत है।
5. मुसलमानों की ज़मीनें और संपत्ति बड़े पैमाने पर ज़ब्त की गईं। उन्हें संदेह व शत्रुता के भाव से देखा जाने लगा। अंग्रेज़ों को लगता था कि यह विद्रोह उन्होंने ही खड़ा किया था। अतः कथन 4 सही है।
6. अंग्रेज़ों ने फैसला किया कि वे भारत के लोगों के धर्म और सामाजिक रीति-रिवाजों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
7. भूस्वामियों और ज़मींदारों की रक्षा करने तथा ज़मीन पर उनके अधिकारों को स्थायित्व देने के लिये नीतियाँ बनाई गईं।इस प्रकार, 1857 के बाद इतिहास का एक नया चरण शुरू हुआ।
Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः अंग्रेज़ों ने जो अहम बदलाव किये वे निम्नलिखित हैं-
1. ब्रिटिश संसद ने 1858 में एक नया कानून पारित किया और ईस्ट इंडिया कंपनी के सारे अधिकार ब्रिटिश साम्राज्य के हाथ में सौंप दिये ताकि भारतीय मामलों को ज़्यादा बेहतर ढंग से सँभाला जा सके। ब्रिटिश मंत्रिमंडल के एक सदस्य को भारत राज्य के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया। उसे भारत के शासन से संबंधित मामलों को सँभालने का ज़िम्मा सौंपा गया। उसे सलाह देने के लिये एक परिषद का गठन किया गया, जिसे इंडिया काउंसिल कहा जाता था। अतः कथन 1 सही है।
2. भारत के गवर्नर जनरल को वायसराय का ओहदा दिया गया। इस प्रकार उसे इंग्लैंड के राजा/रानी का निजी प्रतिनिधि घोषित कर दिया गया। फलस्वरूप, अंग्रेज़ सरकार ने भारत के शासन की ज़िम्मेदारी सीधे अपने हाथों में ले ली। अतः कथन 2 भी सही है।
3. देश के सभी शासकों को भरोसा दिया गया कि भविष्य में कभी भी उनके भूक्षेत्र पर कब्ज़ा नहीं किया जाएगा। उन्हें अपनी रियासत अपने वंशजों, यहाँ तक कि दत्तक पुत्रों को सौंपने की छूट दे दी गई, लेकिन उन्हें इस बात के लिये प्रेरित किया गया कि वे ब्रिटेन की रानी को अपना अधिपति स्वीकार करें। इस तरह, भारतीय शासकों को ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन शासन चलाने की छूट दी गई।
4. सेना में भारतीय सिपाहियों का अनुपात कम करने और यूरोपीय सिपाहियों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया गया। यह भी तय किया गया कि अवध, बिहार, मध्य भारत और दक्षिण भारत के सिपाहियों को भर्ती करने की बजाय अब गोरखा, सिखों और पठानों में से ज़्यादा सिपाही भर्ती किये जाएंगे। अतः कथन 3 गलत है।
5. मुसलमानों की ज़मीनें और संपत्ति बड़े पैमाने पर ज़ब्त की गईं। उन्हें संदेह व शत्रुता के भाव से देखा जाने लगा। अंग्रेज़ों को लगता था कि यह विद्रोह उन्होंने ही खड़ा किया था। अतः कथन 4 सही है।
6. अंग्रेज़ों ने फैसला किया कि वे भारत के लोगों के धर्म और सामाजिक रीति-रिवाजों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
7. भूस्वामियों और ज़मींदारों की रक्षा करने तथा ज़मीन पर उनके अधिकारों को स्थायित्व देने के लिये नीतियाँ बनाई गईं।इस प्रकार, 1857 के बाद इतिहास का एक नया चरण शुरू हुआ।
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Question 4 of 5
4. Question
2 pointsनिम्नलिखित में से किस उद्योग को प्राथमिक उद्योग कहते हैं?
Correct
उत्तरः (b)
व्याख्याः खनिज आधारित उद्योग प्राथमिक उद्योग हैं जो खनिज अयस्कों का उपयोग कच्चे माल के रूप में करते हैं, इन उद्योगों के उत्पाद अन्य उद्योगों का पोषण करते हैं।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः खनिज आधारित उद्योग प्राथमिक उद्योग हैं जो खनिज अयस्कों का उपयोग कच्चे माल के रूप में करते हैं, इन उद्योगों के उत्पाद अन्य उद्योगों का पोषण करते हैं। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsभोपाल औद्योगिक दुर्घटना कब घटित हुई थी?
Correct
उत्तरः (A)
व्याख्याः उद्योगों में दुर्घटना/विपदा मुख्य रूप से तकनीकी विफलता या संकट उत्पन्न करने वाले पदार्थों के बेतरतीब उपयोग के कारण घटित होती है। भोपाल में 3 दिसंबर, 1984 को 00.30 बजे घटित अब तक की सबसे त्रासदपूर्ण औद्योगिक दुर्घटना है। यह एक प्रौद्योगिकीय दुर्घटना थी जिसमें यूनियन कार्बाइड के कीटनाशी कारखाने से हाइड्रोजन सायनाइट तथा प्रतिक्रियाशील उत्पादों के साथ-साथ अत्यंत विषैली मिथाइल आइसोसायनेट (एम.आई.सी.) गैस का रिसाव हुआ था।Incorrect
उत्तरः (A)
व्याख्याः उद्योगों में दुर्घटना/विपदा मुख्य रूप से तकनीकी विफलता या संकट उत्पन्न करने वाले पदार्थों के बेतरतीब उपयोग के कारण घटित होती है। भोपाल में 3 दिसंबर, 1984 को 00.30 बजे घटित अब तक की सबसे त्रासदपूर्ण औद्योगिक दुर्घटना है। यह एक प्रौद्योगिकीय दुर्घटना थी जिसमें यूनियन कार्बाइड के कीटनाशी कारखाने से हाइड्रोजन सायनाइट तथा प्रतिक्रियाशील उत्पादों के साथ-साथ अत्यंत विषैली मिथाइल आइसोसायनेट (एम.आई.सी.) गैस का रिसाव हुआ था।