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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsबिरसा मुंडा के आन्दोलन के संन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. बिरसा ने अपने समर्थकों को दीकुओं के उत्पीड़न से आज़ाद करने के लिये आन्दोलन किया।
2. बिरसा का आन्दोलन आदिवासी समाज को सुधारने का आन्दोलन था। इसी क्रम में उसने ईसाई मिशनरियों और हिंदू ज़मींदारों दोनों का विरोध किया।
3. अंग्रेज़ों को बिरसा आंदोलन के राजनीतिक उद्देश्यों से कोई परेशानी नहीं थी।
4. सफेद झंडा बिरसा का राज प्रतीक था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः
बिरसा का जन्म मुंडा परिवार में हुआ था। मुंडा एक जनजातीय समूह है जो छोटानागपुर में रहता है। बिरसा के समर्थकों में क्षेत्र के दूसरे आदिवासी- संथाल और उराँव भी शामिल थे। बिरसा ने अपने समर्थकों को दीकुओं (बाहरी लोगों) के उत्पीड़न से आज़ाद कराने के लिये आन्दोलन किया। अतः कथन 1 सही है।
बिरसा का आंदोलन आदिवासी समाज को सुधारने का आन्दोलन था। उसने मुंडाओं से आह्वान किया कि वे शराब पीना छोड़ दें, गाँवों को साफ रखें और डायन व जादू टोने में विश्वास न करें। बिरसा ने ईसाई मिशनरियों और हिंदू ज़मींदारों का भी लगातार विरोध किया। वह उन्हें बाहर का मानता था जो मुंडा जीवन शैली नष्ट कर रहे थे। अतः कथन 2 भी सही है।
अंग्रेज़ों को बिरसा आन्दोलन के राजनीतिक उद्दश्यों से बहुत ज़्यादा परेशानी थी। यह आन्दोलन मिशनरियों, महाजनों, हिंदू भूस्वामियों और सरकार को बाहर निकालकर बिरसा के नेतृत्व में मुंडा राज स्थापित करना चाहता था। अतः कथन 3 गलत है।
सफेद झंडा बिरसा राज का प्रतीक था। अतः कथन 4 भी सही है। सन् 1900 में बिरसा की हैजे से मृत्यु हो गई और आन्दोलन ठंडा पड़ गया।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः
बिरसा का जन्म मुंडा परिवार में हुआ था। मुंडा एक जनजातीय समूह है जो छोटानागपुर में रहता है। बिरसा के समर्थकों में क्षेत्र के दूसरे आदिवासी- संथाल और उराँव भी शामिल थे। बिरसा ने अपने समर्थकों को दीकुओं (बाहरी लोगों) के उत्पीड़न से आज़ाद कराने के लिये आन्दोलन किया। अतः कथन 1 सही है।
बिरसा का आंदोलन आदिवासी समाज को सुधारने का आन्दोलन था। उसने मुंडाओं से आह्वान किया कि वे शराब पीना छोड़ दें, गाँवों को साफ रखें और डायन व जादू टोने में विश्वास न करें। बिरसा ने ईसाई मिशनरियों और हिंदू ज़मींदारों का भी लगातार विरोध किया। वह उन्हें बाहर का मानता था जो मुंडा जीवन शैली नष्ट कर रहे थे। अतः कथन 2 भी सही है।
अंग्रेज़ों को बिरसा आन्दोलन के राजनीतिक उद्दश्यों से बहुत ज़्यादा परेशानी थी। यह आन्दोलन मिशनरियों, महाजनों, हिंदू भूस्वामियों और सरकार को बाहर निकालकर बिरसा के नेतृत्व में मुंडा राज स्थापित करना चाहता था। अतः कथन 3 गलत है।
सफेद झंडा बिरसा राज का प्रतीक था। अतः कथन 4 भी सही है। सन् 1900 में बिरसा की हैजे से मृत्यु हो गई और आन्दोलन ठंडा पड़ गया। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsकंपनी द्वारा मुगल बादशाह और उसके प्रभाव को समाप्त करने संबंधी उठाए गए कदमों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. उन्नीसवीं सदी के प्रथमार्द्ध में गवर्नर जनरल डलहौजी ने ऐलान किया कि बहादुरशाह ज़फर आखिरी मुगल बादशाह होंगे।
2. उन्नीसवीं सदी के द्वितीयार्द्ध में गवर्नर जनरल कैनिंग ने फैसला किया कि बादशाह की मृत्यु के बाद उसके परिवार को लाल किले से निकालकर कहीं और बसाया जाएगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
उत्तरः (d)
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन गलत हैं।
कंपनी ने मुगलों के शासन को खत्म करने की पूरी योजना बना ली थी। इसी के तहत कंपनी द्वारा जारी किये गए सिक्कों पर से मुगल बादशाह का नाम हटा दिया गया।
उन्नीसवीं सदी के प्रथमार्द्ध (1849) में गवर्नर जनरल डलहौजी ने ऐलान किया कि बहादुरशाह ज़फर की मृत्यु के बाद बादशाह के परिवार को लाल किले से निकाल कर उसे दिल्ली में कहीं और बसाया जाएगा।
1856 में गवर्नर जनरल कैनिंग ने फैसला किया कि बहादुरशाह ज़फर आखिरी मुगल बादशाह होंगे। उनकी मृत्यु के बाद उनके किसी भी वंशज को बादशाह नहीं माना जाएगा। उन्हें केवल राजकुमारों के रूप में मान्यता दी जाएगी।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन गलत हैं।
कंपनी ने मुगलों के शासन को खत्म करने की पूरी योजना बना ली थी। इसी के तहत कंपनी द्वारा जारी किये गए सिक्कों पर से मुगल बादशाह का नाम हटा दिया गया।
उन्नीसवीं सदी के प्रथमार्द्ध (1849) में गवर्नर जनरल डलहौजी ने ऐलान किया कि बहादुरशाह ज़फर की मृत्यु के बाद बादशाह के परिवार को लाल किले से निकाल कर उसे दिल्ली में कहीं और बसाया जाएगा।
1856 में गवर्नर जनरल कैनिंग ने फैसला किया कि बहादुरशाह ज़फर आखिरी मुगल बादशाह होंगे। उनकी मृत्यु के बाद उनके किसी भी वंशज को बादशाह नहीं माना जाएगा। उन्हें केवल राजकुमारों के रूप में मान्यता दी जाएगी। -
Question 3 of 5
3. Question
2 points1857 के विद्रोह के कारणों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. गाँव में किसान और ज़मींदार बहुत अधिक लगान एवं कर वसूली के सख्त तरीकों से परेशान थे।
2. कई नए नियम सिपाहियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचा रहे थे।
3. भारतीय समाज सुधार के अंग्रेज़ों के प्रयासों से भारतीय जनता रुष्ट थी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से 1857 के विद्रोह के कारणों से संबंधित है/हैं?Correct
उत्तरः (d)
व्याख्याः उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं।
1857 आते-आते मुगल बादशाह, नवाब, ज़मींदार, किसान और सिपाही सभी अंग्रेज़ों की नीतियों से परेशान थे। इनमें किसान और ज़मींदार भारी-भरकम लगान और कर वसूली के सख्त तौर-तरीकों से परेशान थे। बहुत सारे किसान महाजनों के कर्ज़ में डूब चुके थे तो बहुत सारे ज़मींदारों की ज़मीनें छीन ली गई थीं।
कंपनी के कई नए नियमों से सिपाहियों में असंतोष बढ़ रहा था। ये नियम उनकी धार्मिक भावनाओं और आस्थाओं को ठेस पहुँचा रहे थे। उदाहरण के लिये उस समय बहुत से लोगों और सिपाहियों को लगता था कि समुद्र यात्रा से उनका धर्म और जाति भ्रष्ट हो जाएंगे। फिर भी कंपनी ने लड़ने के लिये समुद्र के रास्ते उन्हें बर्मा जाने का आदेश दिया।
कुछ वर्षों बाद मुँह से खींचे जाने वाले कारतूसों में गाय और सूअर की चर्बी के प्रयोग की बात फैल गई, जिससे सिपाही बहुत अधिक भड़क गए तथा यह कारण 1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारणों में से एक बन गया।
अंग्रेज़ों ने भारतीय समाज को सुधारने के क्रम में सती प्रथा को रोकने तथा विधवा विवाह को बढ़ावा देने के लिये कानून बनाए। ईसाई मिशनरियों को खुलकर काम करने की छूट दे दी। ऐसे प्रयासों से बहुत सारे भारतीयों को यकीन हो गया कि अंग्रेज़ उनका धर्म, उनके सामाजिक रीति-रिवाज और परम्परागत जीवन शैली को नष्ट कर रहे हैं जिस कारण वे अंग्रेज़ों से अधिक रुष्ट हो गए।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याः उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं।
1857 आते-आते मुगल बादशाह, नवाब, ज़मींदार, किसान और सिपाही सभी अंग्रेज़ों की नीतियों से परेशान थे। इनमें किसान और ज़मींदार भारी-भरकम लगान और कर वसूली के सख्त तौर-तरीकों से परेशान थे। बहुत सारे किसान महाजनों के कर्ज़ में डूब चुके थे तो बहुत सारे ज़मींदारों की ज़मीनें छीन ली गई थीं।
कंपनी के कई नए नियमों से सिपाहियों में असंतोष बढ़ रहा था। ये नियम उनकी धार्मिक भावनाओं और आस्थाओं को ठेस पहुँचा रहे थे। उदाहरण के लिये उस समय बहुत से लोगों और सिपाहियों को लगता था कि समुद्र यात्रा से उनका धर्म और जाति भ्रष्ट हो जाएंगे। फिर भी कंपनी ने लड़ने के लिये समुद्र के रास्ते उन्हें बर्मा जाने का आदेश दिया।
कुछ वर्षों बाद मुँह से खींचे जाने वाले कारतूसों में गाय और सूअर की चर्बी के प्रयोग की बात फैल गई, जिससे सिपाही बहुत अधिक भड़क गए तथा यह कारण 1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारणों में से एक बन गया।
अंग्रेज़ों ने भारतीय समाज को सुधारने के क्रम में सती प्रथा को रोकने तथा विधवा विवाह को बढ़ावा देने के लिये कानून बनाए। ईसाई मिशनरियों को खुलकर काम करने की छूट दे दी। ऐसे प्रयासों से बहुत सारे भारतीयों को यकीन हो गया कि अंग्रेज़ उनका धर्म, उनके सामाजिक रीति-रिवाज और परम्परागत जीवन शैली को नष्ट कर रहे हैं जिस कारण वे अंग्रेज़ों से अधिक रुष्ट हो गए। -
Question 4 of 5
4. Question
2 points‘सुनहरा रेशा’ से अभिप्राय है-
Correct
उत्तरः (A)
व्याख्याः पटसन को ‘सुनहरा रेशा’ के रूप में भी जाना जाता है। यह जलोढ़ मृदा में अच्छे ढंग से विकसित होता है और इसे उच्च तापमान, भारी वर्षा और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। यह फसल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाई जाती है। भारत और बांग्लादेश पटसन के अग्रणी उत्पादक हैं।Incorrect
उत्तरः (A)
व्याख्याः पटसन को ‘सुनहरा रेशा’ के रूप में भी जाना जाता है। यह जलोढ़ मृदा में अच्छे ढंग से विकसित होता है और इसे उच्च तापमान, भारी वर्षा और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। यह फसल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाई जाती है। भारत और बांग्लादेश पटसन के अग्रणी उत्पादक हैं। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsचाय की कृषि के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
1. चाय की कोमल पत्तियों की वृद्धि के लिये उष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है।
2. इसकी कृषि के लिये वर्षभर समवितरित उच्च वर्षा की आवश्यकता होती है।
3. चाय की कृषि के लिये लैटेराइट मृदा और मंद ढाल की आवश्यकता होती है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?Correct
उत्तरः (D)
व्याख्याः चाय बागानों में उगाई जाने वाली एक पेय फसल है। इसकी कोमल पत्तियों की वृद्धि के लिये ठंडी जलवायु और वर्षभर समवितरित उच्च वर्षा की आवश्यकता होती है। इसके लिये सु-अपवाहित दोमट मृदा और मंद ढाल की आवश्यकता होती है।Incorrect
उत्तरः (D)
व्याख्याः चाय बागानों में उगाई जाने वाली एक पेय फसल है। इसकी कोमल पत्तियों की वृद्धि के लिये ठंडी जलवायु और वर्षभर समवितरित उच्च वर्षा की आवश्यकता होती है। इसके लिये सु-अपवाहित दोमट मृदा और मंद ढाल की आवश्यकता होती है।