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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsसूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुनियेः
सूची-I सूची-II A. तिलचट्टा 1. इसकी अस्थियों में वायु प्रकोष्ठ होते हैं। B. पक्षी 2. इसका शरीर धारारेखीय होता है। C. मछली 3. इसका शरीर कठोर बाह्य कंकाल द्वारा ढँका होता है। D. सर्प 4. इसका शरीर अनेक वलय (loop) में मुड़ा होता है। कूटः A B C D
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याःतिलचट्टे का शरीर कठोर बाह्य कंकाल द्वारा ढँका होता है। यह कंकाल विभिन्न एककों (Units) की परस्पर सन्धियों द्वारा बनता है। जिसके कारण गति सम्भव हो पाती है। तिलचट्टे में उपस्थित विशिष्ट पेशियाँ चलने और उड़ने में उसकी सहायता करती हैं।
पक्षियों की अस्थियों में वायु प्रकोष्ठ होते हैं जिनके कारण उनकी अस्थियाँ हल्की परन्तु मज़बूत होती हैं। अग्रपाद की अस्थियाँ रूपान्तरित होकर पक्षी के पंख बनाती हैं।
मछली का सिर एवं पूँछ उसके मध्य भाग की अपेक्षा पतले एवं नुकीले होते हैं। शरीर की ऐसी आकृति
धारारेखीय कहलाती है। मछली शरीर के दोनों ओर एकान्त क्रम में वलय बनाकर जल में तैरती है।
सर्प का मेरुदण्ड लम्बा होता है। शरीर की पेशियाँ क्षीण एवं असंख्य होती हैं। वे परस्पर जुड़ी होती हैं। सर्प का शरीर अनेक वलयों में मुड़ा होता है। प्रत्येक वलय आगे को धक्का देता है। इस कारण सर्प बहुत तेज़ गति से आगे की ओर चलता है परन्तु सरल रेखा में नहीं चलता अर्थात् सर्प अपने शरीर के दोनों ओर एकांतर क्रम में वलय (loop) बनाते हुए भूमि पर वलयाकार गति करता हुआ आगे फिसलता है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याःतिलचट्टे का शरीर कठोर बाह्य कंकाल द्वारा ढँका होता है। यह कंकाल विभिन्न एककों (Units) की परस्पर सन्धियों द्वारा बनता है। जिसके कारण गति सम्भव हो पाती है। तिलचट्टे में उपस्थित विशिष्ट पेशियाँ चलने और उड़ने में उसकी सहायता करती हैं।
पक्षियों की अस्थियों में वायु प्रकोष्ठ होते हैं जिनके कारण उनकी अस्थियाँ हल्की परन्तु मज़बूत होती हैं। अग्रपाद की अस्थियाँ रूपान्तरित होकर पक्षी के पंख बनाती हैं।
मछली का सिर एवं पूँछ उसके मध्य भाग की अपेक्षा पतले एवं नुकीले होते हैं। शरीर की ऐसी आकृति
धारारेखीय कहलाती है। मछली शरीर के दोनों ओर एकान्त क्रम में वलय बनाकर जल में तैरती है।
सर्प का मेरुदण्ड लम्बा होता है। शरीर की पेशियाँ क्षीण एवं असंख्य होती हैं। वे परस्पर जुड़ी होती हैं। सर्प का शरीर अनेक वलयों में मुड़ा होता है। प्रत्येक वलय आगे को धक्का देता है। इस कारण सर्प बहुत तेज़ गति से आगे की ओर चलता है परन्तु सरल रेखा में नहीं चलता अर्थात् सर्प अपने शरीर के दोनों ओर एकांतर क्रम में वलय (loop) बनाते हुए भूमि पर वलयाकार गति करता हुआ आगे फिसलता है। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsपौधों और जीवों में अनुकूलन (Adaptation) के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. पौधे और जीवों के विशिष्ट लक्षण एवं स्वभाव जो उन्हें एक आवास विशेष में रहने के अनुकूल बनाते हैं, अनुकूलन कहलाता है।
2. मैदानी क्षेत्र के एक व्यक्ति को ऊँचे पहाड़ी क्षेत्र में तीव्र गति से सांस लेनी पड़ती है परन्तु थोड़े दिनों बाद वह सहज हो जाता है। यह अनुकूलन का सटीक उदाहरण है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याःकथन 1 सही है, परंतु कथन 2 गलत है क्योंकि अनुकूलन अल्पकाल में नहीं होता। ये हज़ारों वर्षों में आए परिवर्तनों के प्रति पौधों व जीवों के अनुकूल होने से सम्बन्धित है।
मैदानी क्षेत्र के व्यक्ति को पहाड़ी क्षेत्र में जाने पर सहज होने में कुछ दिन लगते हैं। ये परिवर्तन अल्प अवधि से सम्बन्धित हैं। अल्प अवधि में किसी एक जीव के शरीर में होने वाले ये छोटे-छोटे परिवर्तन पर्यनुकूलन (Acclimatisation) कहलाते हैं। यह परिवर्तन हज़ारों वर्षों में हुए अनुकूलन से भिन्न हैं।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याःकथन 1 सही है, परंतु कथन 2 गलत है क्योंकि अनुकूलन अल्पकाल में नहीं होता। ये हज़ारों वर्षों में आए परिवर्तनों के प्रति पौधों व जीवों के अनुकूल होने से सम्बन्धित है।
मैदानी क्षेत्र के व्यक्ति को पहाड़ी क्षेत्र में जाने पर सहज होने में कुछ दिन लगते हैं। ये परिवर्तन अल्प अवधि से सम्बन्धित हैं। अल्प अवधि में किसी एक जीव के शरीर में होने वाले ये छोटे-छोटे परिवर्तन पर्यनुकूलन (Acclimatisation) कहलाते हैं। यह परिवर्तन हज़ारों वर्षों में हुए अनुकूलन से भिन्न हैं। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsदक्षिण अयनांत के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये:
1. दक्षिणी ध्रुव सूर्य की ओर झुका होता है।
2. सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ती हैं।
3. दक्षिणी गोलार्द्ध पर छोटे दिन एवं लंबी रातों वाली ऋतुएँ होती हैं।
उपरोक्त कथनों में से कौन-से सत्य हैं?Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः 22 दिसंबर को दक्षिण ध्रुव का सूर्य की ओर झुके होने के कारण मकर रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। चूँकि सूर्य की किरणें मकर रेखा पर लंबवत् पड़ती है, इसलिये दक्षिणी गोलार्द्ध के बहुत बड़े भाग में प्रकाश प्राप्त होता है। इसलिये दक्षिणी गोलार्द्ध में लंबे दिन तथा छोटी रातों वाली ग्रीष्म ऋतु होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को दक्षिण अयनांत कहा जाता है।
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया में ग्रीष्म ऋतु में ही क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः 22 दिसंबर को दक्षिण ध्रुव का सूर्य की ओर झुके होने के कारण मकर रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। चूँकि सूर्य की किरणें मकर रेखा पर लंबवत् पड़ती है, इसलिये दक्षिणी गोलार्द्ध के बहुत बड़े भाग में प्रकाश प्राप्त होता है। इसलिये दक्षिणी गोलार्द्ध में लंबे दिन तथा छोटी रातों वाली ग्रीष्म ऋतु होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को दक्षिण अयनांत कहा जाता है।
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया में ग्रीष्म ऋतु में ही क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsविषुव के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों में से कौन-से सत्य हैं?
1. इस अवस्था में सूर्य की किरणें विषुवत वृत्त पर सीधी पड़ती हैं।
2. पूरी पृथ्वी पर दिन और रात बराबर होते हैं।
3. कोई भी ध्रुव सूर्य की ओर नहीं झुका होता है।
कूटःCorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याः
ऊपर दिये गए तीनों कथन सही हैं। 21 मार्च एवं 23 सितंबर को सूर्य की किरणें विषुवत् वृत्त पर सीधी पड़ती हैं। इसे विषुव कहा जाता है।
23 सितंबर को उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु होती है, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में बसंत ऋतु होती है। 21 मार्च को स्थिति इसके विपरीत होती है।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याः
ऊपर दिये गए तीनों कथन सही हैं। 21 मार्च एवं 23 सितंबर को सूर्य की किरणें विषुवत् वृत्त पर सीधी पड़ती हैं। इसे विषुव कहा जाता है।
23 सितंबर को उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु होती है, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में बसंत ऋतु होती है। 21 मार्च को स्थिति इसके विपरीत होती है। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsकिसी सजीव का परिवेश जिसमें वह रहता है, आवास कहलाता है। आवासों में विभिन्न घटक उपस्थित होते हैं। इन घटकों के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
1. किसी आवास में पाए जाने वाले सभी जीव (पौधे एवं जन्तु) उसके जैव घटक हैं।
2. चट्टान, मिट्टी, वायु एवं जल जैसी अनेक निर्जीव वस्तुएँ आवास के अजैव घटक हैं।
3. सूर्य का प्रकाश एवं ऊष्मा जैसे ऊर्जा घटक इन दोनों घटकों में से किसी में सम्मिलित नही हैं।Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः (1) व (2) सही हैं, परन्तु (3) गलत है क्योंकि सूर्य का प्रकाश एवं ऊष्मा भी परिवेश या आवास के अजैव घटक हैं। इन्हें कभी-कभी ऊर्जा घटक के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः (1) व (2) सही हैं, परन्तु (3) गलत है क्योंकि सूर्य का प्रकाश एवं ऊष्मा भी परिवेश या आवास के अजैव घटक हैं। इन्हें कभी-कभी ऊर्जा घटक के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता है।