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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsनीचे दिये गए कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. इतिहासकारों एवं मुसाफिरों के द्वारा जनजातियों के बारे में पर्याप्त जानकारी दी गई है।
2. जनजातीय लोग अपने समृद्ध रीति-रिवाज़ों एवं परंपराओं का संरक्षण वाचिक/मौखिक तरीके से करते थे।
कूटःCorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः समकालीन इतिहासकारों और मुसाफिरों ने जनजातियों के बारे में बहुत कम जानकारी दी है। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो जनजातीय लोग भी लिखित दस्तावेज़ नहीं रखते थे लेकिन समृद्ध रीति-रिवाज़ों और वाचिक/मौखिक परंपराओं का वे संरक्षण करते थे। ये परंपराएँ हर पीढ़ी को विरासत में मिली। आज के इतिहासकार जनजातियों का इतिहास लिखने के लिये इन वाचिक परंपराओं का इस्तेमाल करने लगे हैं।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः समकालीन इतिहासकारों और मुसाफिरों ने जनजातियों के बारे में बहुत कम जानकारी दी है। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो जनजातीय लोग भी लिखित दस्तावेज़ नहीं रखते थे लेकिन समृद्ध रीति-रिवाज़ों और वाचिक/मौखिक परंपराओं का वे संरक्षण करते थे। ये परंपराएँ हर पीढ़ी को विरासत में मिली। आज के इतिहासकार जनजातियों का इतिहास लिखने के लिये इन वाचिक परंपराओं का इस्तेमाल करने लगे हैं। -
Question 2 of 5
2. Question
2 points11वीं और 12वीं सदी के जनजातियों से संबंधित नीचे दिये गए कथनों में कौन-से कथन सत्य हैं?
1. कुछ जनजातीय परिवार शासक वर्ग में शामिल हो गए और कई के कुल राजपूत मान लिये गए।
2. पंजाब, सिंध और उत्तर-पश्चिम सरहद की प्रभुत्वशाली जनजातियों ने काफी पहले इस्लाम को अपना लिया।
3. इस्लाम को अपनाने वाले इन जनजातीय क्षेत्रों में हिन्दू धर्म के द्वारा प्रस्तावित सामाजिक व्यवस्था को बड़े पैमाने में स्वीकार किया गया।
कूटःCorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः 11वीं और 12वीं सदी तक आते-आते क्षत्रियों के बीच राजपूत गोत्र की ताकत में काफी इज़ाफा हुआ। वे हूण, चंदेल, चालुक्य और कुछ दूसरी परंपराओं से आते थे। इनमें से कुछ पहले जनजातियों में आते थे और बाद में कई के कुल राजपूत मान लिये गये। धीरे-धीरे उन्होंने पुराने शासकों की जगह ले ली, विशेषतः कृषि वाले क्षेत्रों में। धीरे-धीरे ब्राह्मणों के समर्थन से कई जनजातियाँ जाति व्यवस्था का हिस्सा बन गई, लेकिन प्रमुख जनजातीय परिवार ही शासक वर्ग में शामिल हो पाए। पंजाब, सिंध और उत्तर-पश्चिम सरहद की शक्तिशाली जनजातियों ने जिन्होंने इस्लाम धर्म को अपनाया था, वे जाति व्यवस्था को नकारते रहे। सनातनी हिन्दू धर्म के द्वारा प्रस्तावित गैर-बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था इन इलाकों में बड़े पैमाने पर स्वीकार नहीं की गई।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः 11वीं और 12वीं सदी तक आते-आते क्षत्रियों के बीच राजपूत गोत्र की ताकत में काफी इज़ाफा हुआ। वे हूण, चंदेल, चालुक्य और कुछ दूसरी परंपराओं से आते थे। इनमें से कुछ पहले जनजातियों में आते थे और बाद में कई के कुल राजपूत मान लिये गये। धीरे-धीरे उन्होंने पुराने शासकों की जगह ले ली, विशेषतः कृषि वाले क्षेत्रों में। धीरे-धीरे ब्राह्मणों के समर्थन से कई जनजातियाँ जाति व्यवस्था का हिस्सा बन गई, लेकिन प्रमुख जनजातीय परिवार ही शासक वर्ग में शामिल हो पाए। पंजाब, सिंध और उत्तर-पश्चिम सरहद की शक्तिशाली जनजातियों ने जिन्होंने इस्लाम धर्म को अपनाया था, वे जाति व्यवस्था को नकारते रहे। सनातनी हिन्दू धर्म के द्वारा प्रस्तावित गैर-बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था इन इलाकों में बड़े पैमाने पर स्वीकार नहीं की गई। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsअहोम जनजाति के लोग मूल रूप से किस देश के निवासी थे?
Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः अहोम लोग मौजूदा म्याँमार से आकर तेरहवीं सदी में ब्रह्मपुत्र घाटी में आ बसे। उन्होंने भुइयाँ (भूस्वामी) लोगों की पुरानी राजनीतिक व्यवस्था का दमन करके नए राज्य की स्थापना की।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः अहोम लोग मौजूदा म्याँमार से आकर तेरहवीं सदी में ब्रह्मपुत्र घाटी में आ बसे। उन्होंने भुइयाँ (भूस्वामी) लोगों की पुरानी राजनीतिक व्यवस्था का दमन करके नए राज्य की स्थापना की। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsअवतल दर्पण के विभिन्न उपयोगों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. चिकित्सकों द्वारा आँख, कान, नाक तथा गले का निरीक्षण करने के लिये इसका उपयोग किया जाता है।
2. वाहन चालकों के पीछे देखने के लिये वाहनों के पार्श्व दर्पणों (साइड मिरर) में इसका प्रयोग किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याःकेवल 1
कथन 1 सही है। चिकित्सकों द्वारा आँख, कान, नाक तथा गले का निरीक्षण करने के लिये अवतल दर्पण का प्रयोग होता है। अवतल दर्पण वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिंब बना सकता है। जब बिंब (वस्तु) को दर्पण के अत्यन्त निकट रखते हैं, तो प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा आवर्धित होता है। दन्त विशेषज्ञों द्वारा अवतल दर्पण का उपयोग दाँतों का बड़ा प्रतिबिंब देखने के लिये किया जाता है।
कथन 2 गलत है क्योंकि वाहनों के पार्श्व दर्पणों में उत्तल दर्पण का उपयोग होता है। उत्तल दर्पण अधिक क्षेत्र के दृश्य का प्रतिबिंब बना सकते हैं। उत्तल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब सीधा, आभासी तथा आकार में बिंब से छोटा होता है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याःकेवल 1
कथन 1 सही है। चिकित्सकों द्वारा आँख, कान, नाक तथा गले का निरीक्षण करने के लिये अवतल दर्पण का प्रयोग होता है। अवतल दर्पण वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिंब बना सकता है। जब बिंब (वस्तु) को दर्पण के अत्यन्त निकट रखते हैं, तो प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा आवर्धित होता है। दन्त विशेषज्ञों द्वारा अवतल दर्पण का उपयोग दाँतों का बड़ा प्रतिबिंब देखने के लिये किया जाता है।
कथन 2 गलत है क्योंकि वाहनों के पार्श्व दर्पणों में उत्तल दर्पण का उपयोग होता है। उत्तल दर्पण अधिक क्षेत्र के दृश्य का प्रतिबिंब बना सकते हैं। उत्तल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब सीधा, आभासी तथा आकार में बिंब से छोटा होता है। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsलेंसों के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. उत्तल लेंस सदैव वास्तविक, उल्टा तथा आकार में बिंब से बड़े प्रतिबिंब बनाता है।
2. अवतल लेंस सदैव आभासी, सीधा तथा आकार में बिंब से छोटा प्रतिबिंब बनाता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
उत्तरः (b)
व्याख्याः
कथन 1 गलत हैं क्योंकि उत्तल लेंस वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिंब बनाता हैं परन्तु जब बिंब लेंस के अत्यन्त निकट रखा जाता है तो बनने वाला प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा आवर्धित होता है। उत्तल लेंस को आवर्धक लेंस की तरह भी उपयोग में लाया जाता है।
सामान्यतः उत्तल लेंस, उस पर पड़ने वाले (आपतित) प्रकाश को अभिसारित (अन्दर की ओर मोड़ना) कर देता है। इसीलिये इसे अभिसारी लेंस भी कहते हैं।
कथन 2 सही है। अवतल लेंस सदैव आभासी, सीधा तथा आकार में बिंब से छोटा प्रतिबिंब बनाता है। अवतल लेंस, उस पर आपतित प्रकाश को अपसारित (बाहर की ओर मोड़ना) करता है। अतः इसे अपसारी लेंस कहते हैं।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः
कथन 1 गलत हैं क्योंकि उत्तल लेंस वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिंब बनाता हैं परन्तु जब बिंब लेंस के अत्यन्त निकट रखा जाता है तो बनने वाला प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा आवर्धित होता है। उत्तल लेंस को आवर्धक लेंस की तरह भी उपयोग में लाया जाता है।
सामान्यतः उत्तल लेंस, उस पर पड़ने वाले (आपतित) प्रकाश को अभिसारित (अन्दर की ओर मोड़ना) कर देता है। इसीलिये इसे अभिसारी लेंस भी कहते हैं।
कथन 2 सही है। अवतल लेंस सदैव आभासी, सीधा तथा आकार में बिंब से छोटा प्रतिबिंब बनाता है। अवतल लेंस, उस पर आपतित प्रकाश को अपसारित (बाहर की ओर मोड़ना) करता है। अतः इसे अपसारी लेंस कहते हैं।