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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsनिम्नलिखित में से कौन कित्तूर (वर्तमान कर्नाटक में) में अंग्रेज़-विरोधी आंदोलन के नेतृत्व से संबंधित है/हैं?
Correct
उत्तर: (c)
व्याख्याः रानी चेन्नम्मा ने कित्तूर में अंग्रेज़-विरोधी आंदोलन का नेतृत्व शुरू किया जिस कारण 1824 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और 1829 में जेल में उनकी मृत्यु हो गई। चेन्नम्मा के बाद कित्तूर स्थित संगोली के एक गरीब चौकीदार रायन्ना ने ये प्रतिरोध जारी रखा। चौतरफा समर्थन और सहायता से उसने बहुत सारे ब्रिटिश शिविरों और दस्तावेज़ों को नष्ट कर दिया था। आखिरकार उसे भी अंग्रेज़ों ने पकड़कर 1830 में फाँसी पर लटका दिया।Incorrect
उत्तर: (c)
व्याख्याः रानी चेन्नम्मा ने कित्तूर में अंग्रेज़-विरोधी आंदोलन का नेतृत्व शुरू किया जिस कारण 1824 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और 1829 में जेल में उनकी मृत्यु हो गई। चेन्नम्मा के बाद कित्तूर स्थित संगोली के एक गरीब चौकीदार रायन्ना ने ये प्रतिरोध जारी रखा। चौतरफा समर्थन और सहायता से उसने बहुत सारे ब्रिटिश शिविरों और दस्तावेज़ों को नष्ट कर दिया था। आखिरकार उसे भी अंग्रेज़ों ने पकड़कर 1830 में फाँसी पर लटका दिया। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsअट्ठारहवीं सदी के द्वितीयार्द्ध में बंगाल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इस कालखण्ड में बंगाल में भीषण अकाल पड़ा जिसमें लगभग एक तिहाई आबादी समाप्त हो गई।
2. इस कालखण्ड में गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स के कार्यकाल के दौरान कंपनी ने राजस्व आय के लिये स्थायी बंदोबस्त नामक एक व्यवस्था लागू की।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः
बंगाल की दीवानी मिलने के बाद अंग्रेज़ों की नीतियों से बंगाल की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में फँसती जा रही थी। इसी बीच 1770 में बंगाल में भीषण अकाल पड़ा। इसमें बंगाल में एक करोड़ लोगों की मौत हो गई जो कि बंगाल की आबादी का लगभग एक-तिहाई है। अतः कथन 1 सही है।
अर्थव्यवस्था में अपना राजस्व तय करने के लिये ही 1793 ई. में कंपनी ने स्थायी बंदोबस्त लागू किया। इस समय गवर्नर-जनरल लार्ड कॉर्नवालिस था। अतः कथन 2 गलत है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः
बंगाल की दीवानी मिलने के बाद अंग्रेज़ों की नीतियों से बंगाल की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में फँसती जा रही थी। इसी बीच 1770 में बंगाल में भीषण अकाल पड़ा। इसमें बंगाल में एक करोड़ लोगों की मौत हो गई जो कि बंगाल की आबादी का लगभग एक-तिहाई है। अतः कथन 1 सही है।
अर्थव्यवस्था में अपना राजस्व तय करने के लिये ही 1793 ई. में कंपनी ने स्थायी बंदोबस्त लागू किया। इस समय गवर्नर-जनरल लार्ड कॉर्नवालिस था। अतः कथन 2 गलत है। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsस्थायी बंदोबस्त के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इसके अन्तर्गत राजाओं और तालुकदारों को ज़मींदार के रूप में मान्यता देकर उन्हें किसानों से लगान वसूलने का काम दिया गया।
2. इस व्यवस्था के अनुसार जो ज़मींदार राजस्व चुकाने में विफल होता था उसकी ज़मींदारी छीन ली जाती थी।
3. इसके अन्तर्गत किसान से तय राजस्व को कभी भी बढ़ाया नहीं जा सकता था और ज़मीन पर किसान का अधिकार सुरक्षित रखा गया था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः
स्थायी बंदोबस्त की शर्तों के हिसाब से राजाओं और तालुकदारों को ज़मींदारों के रूप में मान्यता दी गई। उन्हें किसानों से लगान वसूलने और कंपनी को राजस्व चुकाने का ज़िम्मा सौंपा गया। अतः कथन 1 सही है।
इस व्यवस्था में ज़मींदारों की ओर से चुकाई जाने वाली राशि स्थायी रूप से तय कर दी गई थी। इसका मतलब यह था कि भविष्य में कभी भी उसमें इज़ाफा नहीं किया जाएगा। परन्तु यह शर्त केवल ज़मींदारों के लिये थी न कि किसानों के लिये। ज़मींदार किसान से लगान की मांग बढ़ा सकते थे। ऐसा इसलिये था क्योंकि अंग्रेज़ों को लगता था कि राज्य की ओर से राजस्व की मांग बढ़ने वाली नहीं थी इसलिये ज़मींदार बढ़ते उत्पादन से फायदे में रहेंगे और ज़मीन सुधार पर ध्यान देंगे। परन्तु ज़मींदारों ने ऐसा नहीं किया। किसान को जो लगान चुकाना था वह बहुत ज़्यादा था और ज़मीन पर उसका अधिकार भी सुरक्षित नहीं था। ऐसे में किसान कर्ज़ में फँस जाता था तथा उत्पादन घटने से लगान भी नहीं चुका पाता था। अतः कथन 3 गलत है।
जो ज़मींदार राजस्व चुकाने में विफल हो जाता था उसकी ज़मींदारी छीन ली जाती थी। अतः कथन 2 सही है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः
स्थायी बंदोबस्त की शर्तों के हिसाब से राजाओं और तालुकदारों को ज़मींदारों के रूप में मान्यता दी गई। उन्हें किसानों से लगान वसूलने और कंपनी को राजस्व चुकाने का ज़िम्मा सौंपा गया। अतः कथन 1 सही है।
इस व्यवस्था में ज़मींदारों की ओर से चुकाई जाने वाली राशि स्थायी रूप से तय कर दी गई थी। इसका मतलब यह था कि भविष्य में कभी भी उसमें इज़ाफा नहीं किया जाएगा। परन्तु यह शर्त केवल ज़मींदारों के लिये थी न कि किसानों के लिये। ज़मींदार किसान से लगान की मांग बढ़ा सकते थे। ऐसा इसलिये था क्योंकि अंग्रेज़ों को लगता था कि राज्य की ओर से राजस्व की मांग बढ़ने वाली नहीं थी इसलिये ज़मींदार बढ़ते उत्पादन से फायदे में रहेंगे और ज़मीन सुधार पर ध्यान देंगे। परन्तु ज़मींदारों ने ऐसा नहीं किया। किसान को जो लगान चुकाना था वह बहुत ज़्यादा था और ज़मीन पर उसका अधिकार भी सुरक्षित नहीं था। ऐसे में किसान कर्ज़ में फँस जाता था तथा उत्पादन घटने से लगान भी नहीं चुका पाता था। अतः कथन 3 गलत है।
जो ज़मींदार राजस्व चुकाने में विफल हो जाता था उसकी ज़मींदारी छीन ली जाती थी। अतः कथन 2 सही है। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsनीचे दिये गए कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़ियेः
1. आदिम निर्वाह कृषि में स्थानांतरित कृषि और मिश्रित कृषि शामिल हैं।
2. भारत के उत्तर-पूर्वी भागों में स्थानांतरित कृषि प्रचलित है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
उत्तरः (b)
व्याख्याः आदिम निर्वाह कृषि में स्थानांतरित कृषि और चलवासी पशुचारण शामिल हैं। स्थानांतरित कृषि भारी वर्षा वाले तथा जहाँ पर वनस्पति का तीव्र पुनर्जन्म होता है ऐसे क्षेत्रों में की जाती है। भारत में इस प्रकार की कृषि उत्तर-पूर्वी भागों में प्रचलित है। साथ ही अमेजन के सघन वन क्षेत्रों, उष्णकटिबंधीय अफ्रीका तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में भी इसी प्रकार की कृषि की जाती है।
स्थानांतरित कृषि के अंतर्गत वृक्षों को काटकर और जलाकर भूखंड को साफ किया जाता है। तब राख को मृदा में मिलाया जाता है तथा मक्का, आलू और कसावा जैसी फसलों को उगाया जाता है। भूमि की उर्वरता की समाप्ति के बाद वह भूमि छोड़ दी जाती है और कृषक नए भूखंड पर चला जाता है। स्थानांतरित कृषि को “दहन एवं कर्तन” कृषि के रूप में भी जाना जाता है।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः आदिम निर्वाह कृषि में स्थानांतरित कृषि और चलवासी पशुचारण शामिल हैं। स्थानांतरित कृषि भारी वर्षा वाले तथा जहाँ पर वनस्पति का तीव्र पुनर्जन्म होता है ऐसे क्षेत्रों में की जाती है। भारत में इस प्रकार की कृषि उत्तर-पूर्वी भागों में प्रचलित है। साथ ही अमेजन के सघन वन क्षेत्रों, उष्णकटिबंधीय अफ्रीका तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में भी इसी प्रकार की कृषि की जाती है।
स्थानांतरित कृषि के अंतर्गत वृक्षों को काटकर और जलाकर भूखंड को साफ किया जाता है। तब राख को मृदा में मिलाया जाता है तथा मक्का, आलू और कसावा जैसी फसलों को उगाया जाता है। भूमि की उर्वरता की समाप्ति के बाद वह भूमि छोड़ दी जाती है और कृषक नए भूखंड पर चला जाता है। स्थानांतरित कृषि को “दहन एवं कर्तन” कृषि के रूप में भी जाना जाता है। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsचलवासी पशुचारण पद्धति भारत के किन राज्यों में प्रचलित है?
1. गुजरात
2. राजस्थान
3. मध्य प्रदेश
4. जम्मू और कश्मीर
5. अरुणाचल प्रदेश
कूट:Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः चलवासी पशुचारण पद्धति अर्द्धशुष्क और शुष्क प्रदेशों में प्रचलित है। इस प्रकार की कृषि में पशुचारक अपने पशुओं के साथ चारे और पानी के लिये एक स्थान से दूसरे स्थान पर निश्चित मार्गों से घूमते हैं। इस प्रकार की गतिविधि जलवायविक बाधाओं और भूभाग की प्रतिक्रियास्वरूप उत्पन्न होती है। यह पद्धति भारत के कुछ भागों जैसे- राजस्थान एवं जम्मू और कश्मीर में प्रचलित है। पशुचारक मुख्यतः भेड़, ऊँट, मवेशी, याक और बकरियाँ पालते हैं।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः चलवासी पशुचारण पद्धति अर्द्धशुष्क और शुष्क प्रदेशों में प्रचलित है। इस प्रकार की कृषि में पशुचारक अपने पशुओं के साथ चारे और पानी के लिये एक स्थान से दूसरे स्थान पर निश्चित मार्गों से घूमते हैं। इस प्रकार की गतिविधि जलवायविक बाधाओं और भूभाग की प्रतिक्रियास्वरूप उत्पन्न होती है। यह पद्धति भारत के कुछ भागों जैसे- राजस्थान एवं जम्मू और कश्मीर में प्रचलित है। पशुचारक मुख्यतः भेड़, ऊँट, मवेशी, याक और बकरियाँ पालते हैं।