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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsनिम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. अधात्विक खनिज अवसादी शैल समूहों में पाए जाते हैं।
2. खनिज ईंधन जैसे कोयला और पेट्रोलियम कायांतरित चट्टानों के नीचे पाए जाते हैं।Correct
उत्तरः (A)
व्याख्याः मैदानों और नवीन वलित पर्वतों के अवसादी शैल समूहों में अधात्विक खनिज जैसे चूना-पत्थर पाए जाते हैं। खनिज ईंधन जैसे कोयला एवं पेट्रोलियम अवसादी चट्टानों के नीचे पाए जाते हैं। अतः कथन 2 गलत हैं।Incorrect
उत्तरः (A)
व्याख्याः मैदानों और नवीन वलित पर्वतों के अवसादी शैल समूहों में अधात्विक खनिज जैसे चूना-पत्थर पाए जाते हैं। खनिज ईंधन जैसे कोयला एवं पेट्रोलियम अवसादी चट्टानों के नीचे पाए जाते हैं। अतः कथन 2 गलत हैं। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsनिम्नलिखित में से किसको काला सोना कहा जाता है?
Correct
उत्तरः (B)
व्याख्याः पेट्रोलियम और इससे बने उत्पाद को काला सोना कहा जाता है, क्योंकि ये बहुत अधिक मूल्यवान हैं।Incorrect
उत्तरः (B)
व्याख्याः पेट्रोलियम और इससे बने उत्पाद को काला सोना कहा जाता है, क्योंकि ये बहुत अधिक मूल्यवान हैं। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsनिम्नलिखित में से कौन-से ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोत हैं?
1. ज्वारीय ऊर्जा
2. परमाणु ऊर्जा
3. बायो-गैस
4. भू-तापीय ऊर्जा
कूटःCorrect
उत्तरः (D)
Incorrect
उत्तरः (D)
-
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsमैसूर रियासत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. हैदरअली और टीपू के समय मालाबार तट पर होने वाला व्यापार मैसूर रियासत के नियंत्रण में था।
2. टीपू सुल्तान को ‘शेर-ए-मैसूर’ कहा जाता था।
3. टीपू ने अपनी सेना के आधुनिकीकरण के लिये डचों की सहायता ली।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
उत्तर: (a)
व्याख्याः
हैदरअली (शासनकाल 1761 से 1782) और उसके पुत्र टीपू सुल्तान (शासनकाल 1782-1799) के समय मालाबार तट पर होने वाला व्यापार मैसूर रियासत के नियंत्रण में था। यहाँ से कंपनी काली मिर्च और इलायची खरीदती थी। अतः कथन 1 सही है।
1785 में टीपू सुल्तान ने अपनी रियासत में पड़ने वाले बंदरगाहों से चन्दन की लकड़ी, काली मिर्च और इलायची का निर्यात रोका तथा स्थानीय सौदागरों को भी कंपनी के साथ व्यापार करने से रोक दिया।
टीपू को शेर-ए-मैसूर के नाम से जाना जाता था तथा उसके राजसी झंडे पर भी शेर की तस्वीर होती थी। अतः कथन 2 भी सही है।
टीपू सुल्तान ने भारत में रहने वाले फ्राँसीसी व्यापारियों से घनिष्ठ संबंध विकसित किये और उनकी मदद से अपनी सेना का आधुनिकीकरण किया। अतः कथन 3 गलत है।Incorrect
उत्तर: (a)
व्याख्याः
हैदरअली (शासनकाल 1761 से 1782) और उसके पुत्र टीपू सुल्तान (शासनकाल 1782-1799) के समय मालाबार तट पर होने वाला व्यापार मैसूर रियासत के नियंत्रण में था। यहाँ से कंपनी काली मिर्च और इलायची खरीदती थी। अतः कथन 1 सही है।
1785 में टीपू सुल्तान ने अपनी रियासत में पड़ने वाले बंदरगाहों से चन्दन की लकड़ी, काली मिर्च और इलायची का निर्यात रोका तथा स्थानीय सौदागरों को भी कंपनी के साथ व्यापार करने से रोक दिया।
टीपू को शेर-ए-मैसूर के नाम से जाना जाता था तथा उसके राजसी झंडे पर भी शेर की तस्वीर होती थी। अतः कथन 2 भी सही है।
टीपू सुल्तान ने भारत में रहने वाले फ्राँसीसी व्यापारियों से घनिष्ठ संबंध विकसित किये और उनकी मदद से अपनी सेना का आधुनिकीकरण किया। अतः कथन 3 गलत है। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsआंग्ल-मैसूर युद्धों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. मैसूर तथा अंग्रेज़ों के बीच चार युद्ध हुए।
2. तीसरे आंग्ल-मैसूर युद्ध में हुई संधि के अनुसार टीपू के दो बेटों को अंग्रेज़ों ने बंधक के रूप में अपने पास रख लिया।
3. चौथे आंग्ल-मैसूर युद्ध के बाद मैसूर का राजकाज पुराने वोडियार राजवंश के हाथों में सौंप दिया गया।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये।Correct
उत्तर: (d)
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।
मैसूर के साथ अंग्रेज़ों के चार युद्ध हुए।
1. प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध (1767 से 1769)
2. द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1780 से 1784)
3. तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1790 से 1792)
4. चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध (1799)
1792 में मराठों, हैदराबाद के निजाम और कंपनी की संयुक्त फौजों के हमले के बाद टीपू सुल्तान को अंग्रेज़ों से संधि करनी पड़ी। इस संधि के तहत उसके दो बेटों को अंग्रेज़ों ने बंधक के रूप में अपने पास रख लिया।
चौथे अर्थात् श्रीरंगपट्टम के आखिरी युद्ध में कंपनी को सफलता मिली और टीपू अपनी राजधानी की रक्षा करते हुए मारा गया। इसके बाद मैसूर का राजकाज पुराने वोडियार राजवंश के हाथों में सौंप दिया गया। इसके साथ ही मैसूर पर भी सहायक संधि थोप दी गई।Incorrect
उत्तर: (d)
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।
मैसूर के साथ अंग्रेज़ों के चार युद्ध हुए।
1. प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध (1767 से 1769)
2. द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1780 से 1784)
3. तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1790 से 1792)
4. चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध (1799)
1792 में मराठों, हैदराबाद के निजाम और कंपनी की संयुक्त फौजों के हमले के बाद टीपू सुल्तान को अंग्रेज़ों से संधि करनी पड़ी। इस संधि के तहत उसके दो बेटों को अंग्रेज़ों ने बंधक के रूप में अपने पास रख लिया।
चौथे अर्थात् श्रीरंगपट्टम के आखिरी युद्ध में कंपनी को सफलता मिली और टीपू अपनी राजधानी की रक्षा करते हुए मारा गया। इसके बाद मैसूर का राजकाज पुराने वोडियार राजवंश के हाथों में सौंप दिया गया। इसके साथ ही मैसूर पर भी सहायक संधि थोप दी गई।