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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsभारत में यूरोपीय व्यापारिक शक्तियों के आगमन का सही क्रम निम्नलिखित में से कौन-सा है?
Correct
उत्तर: (d)
व्याख्याः भारत में यूरोपीय व्यापारिक शक्तियों के आगमन का सही क्रम इस प्रकार है- पुर्तगाली → डच → अंग्रेज़ → डेन → फ्राँसीसी।Incorrect
उत्तर: (d)
व्याख्याः भारत में यूरोपीय व्यापारिक शक्तियों के आगमन का सही क्रम इस प्रकार है- पुर्तगाली → डच → अंग्रेज़ → डेन → फ्राँसीसी। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsपहली बार यूरोप से भारत तक पहुँचने के समुद्री मार्ग का पता ‘वास्को द गामा’ नामक खोजी यात्री द्वारा लगाया गया था। यह यात्री निम्नलिखित में से किस देश से संबंधित था?
Correct
उत्तर: (c)
व्याख्याः ‘वास्को द गामा’ एक पुर्तगाली खोजी यात्री था। इसने 1498 में पहली बार यूरोप से भारत पहुँचने का समुद्री मार्ग खोजा था।Incorrect
उत्तर: (c)
व्याख्याः ‘वास्को द गामा’ एक पुर्तगाली खोजी यात्री था। इसने 1498 में पहली बार यूरोप से भारत पहुँचने का समुद्री मार्ग खोजा था। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsसत्रहवीं शताब्दी के प्रथमार्द्ध के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. ईस्ट इंडिया कंपनी को पूरब से व्यापार करने का एकाधिकार प्राप्त था।
2. भारत के बने बारीक सूती कपड़े और रेशम की यूरोप के बाज़ारों में बहुत अधिक मांग थी।
3. इस समय तक पुर्तगाली भारत के पश्चिमी तट पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
उत्तर: (d)
व्याख्याः उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं।
सन् 1600 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इंग्लैण्ड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम से चार्टर अर्थात् इज़ाज़तनामा हासिल किया, जिससे कंपनी को पूरब से व्यापार करने का एकाधिकार मिल गया।
इसका अर्थ था कि इंग्लैण्ड की कोई और व्यापारिक कंपनी इस इलाके में ईस्ट इंडिया कंपनी से होड़ नहीं कर सकती थी, लेकिन यह शाही दस्तावेज़ दूसरी यूरोपीय ताकतों को पूरब के बाज़ारों में आने से नहीं रोक सकता था।
इस काल खंड में यूरोप के बाज़ारों में भारत के बने बारीक सूती कपड़े और रेशम की जबरदस्त मांग थी। इसके अलावा काली मिर्च, लौंग, इलायची और दालचीनी की भी जबरदस्त मांग रहती थी।
पुर्तगाली अंग्रेज़ों से पहले भारत आए और इस समय तक उन्होंने भारत के पश्चिमी तट पर अपनी उपस्थित दर्ज करा दी थी। वे गोवा में अपना ठिकाना बना चुके थे।Incorrect
उत्तर: (d)
व्याख्याः उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं।
सन् 1600 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इंग्लैण्ड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम से चार्टर अर्थात् इज़ाज़तनामा हासिल किया, जिससे कंपनी को पूरब से व्यापार करने का एकाधिकार मिल गया।
इसका अर्थ था कि इंग्लैण्ड की कोई और व्यापारिक कंपनी इस इलाके में ईस्ट इंडिया कंपनी से होड़ नहीं कर सकती थी, लेकिन यह शाही दस्तावेज़ दूसरी यूरोपीय ताकतों को पूरब के बाज़ारों में आने से नहीं रोक सकता था।
इस काल खंड में यूरोप के बाज़ारों में भारत के बने बारीक सूती कपड़े और रेशम की जबरदस्त मांग थी। इसके अलावा काली मिर्च, लौंग, इलायची और दालचीनी की भी जबरदस्त मांग रहती थी।
पुर्तगाली अंग्रेज़ों से पहले भारत आए और इस समय तक उन्होंने भारत के पश्चिमी तट पर अपनी उपस्थित दर्ज करा दी थी। वे गोवा में अपना ठिकाना बना चुके थे। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सी विधि तीव्र ढालों पर मृदा अपरदन को रोकने के लिये सबसे उपयुक्त है?
Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः तीव्र ढालों वाली सतह पर यदि वेदिका फार्म पद्धति के द्वारा कृषि की जाती है, तब मृदा का अपरदन सबसे कम होता है।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः तीव्र ढालों वाली सतह पर यदि वेदिका फार्म पद्धति के द्वारा कृषि की जाती है, तब मृदा का अपरदन सबसे कम होता है। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsपहाड़ी ढालों पर मृदा अपरदन को रोकने के लिये निम्न में से कौन-सी विधि सबसे उपयुक्त है?
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः पहाड़ी ढालों पर समोच्चरेखीय जुताई मृदा अपरदन रोकने की सबसे उपयुक्त विधि है। किसी पहाड़ी ढ़ाल पर समोच्च रेखाओं के समान्तर जुताई, ढाल से नीचे बहते जल के लिये एक प्राकृतिक अवरोध का निर्माण करती है। जबकि तटीय और शुष्क प्रदेशों में पवन गति रोकने के लिये वृक्षों को कतारों में लगाया जाता है, ताकि मृदा आवरण को बचाया जा सके। इस विधि को रक्षक मेखला विधि कहते हैं।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः पहाड़ी ढालों पर समोच्चरेखीय जुताई मृदा अपरदन रोकने की सबसे उपयुक्त विधि है। किसी पहाड़ी ढ़ाल पर समोच्च रेखाओं के समान्तर जुताई, ढाल से नीचे बहते जल के लिये एक प्राकृतिक अवरोध का निर्माण करती है। जबकि तटीय और शुष्क प्रदेशों में पवन गति रोकने के लिये वृक्षों को कतारों में लगाया जाता है, ताकि मृदा आवरण को बचाया जा सके। इस विधि को रक्षक मेखला विधि कहते हैं।