
Quiz-summary
0 of 5 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
Quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Results
0 of 5 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
You have reached 0 of 0 points, (0)
Average score |
|
Your score |
|
Categories
- Not categorized 0%
Pos. | Name | Entered on | Points | Result |
---|---|---|---|---|
Table is loading | ||||
No data available | ||||
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- Answered
- Review
-
Question 1 of 5
1. Question
2 pointsमौर्य प्रशासन से जुड़े निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. मौर्य प्रशासन के छोटे क्षेत्र या प्रांतों पर तक्षशिला या उज्जैन जैसी प्रांतीय राजधानियों से शासन किया जाता था।
2. मौर्य शासक आवागमन के लिये महत्त्वपूर्ण मार्गों और नदियों पर नियंत्रण रखने का प्रयास करते थे।
3. प्रदेशों में रहने वाले लोग मौर्य अधिकारियों को नज़राना/भेंट दिया करते थे।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?Correct
उत्तरः (d)
व्याख्याःउपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। मौर्य साम्राज्य में छोटे प्रांतों पर प्रांतीय राजधानियों द्वारा नियंत्रण रखा जाता था। उज्जैन और तक्षशिला प्रांतीय राजधानियाँ थीं।
कुछ हद तक पाटलिपुत्र (राजधानी) से इन क्षेत्रों में, राजकुमारों को राज्यपाल के रूप में भेजकर नियंत्रण रखा जाता था। परंतु इन जगहों पर स्थानीय परम्पराओं और नियमों को ही माना जाता था।
मौर्य शासक आवागमन के मार्गों पर नियंत्रण रखने का प्रयास करते थे। यहाँ से उन्हें संसाधन, कर और नज़राना/भेंट के रूप में प्राप्त होता था।
अर्थशास्त्र में यह लिखा है कि उत्तर-पश्चिम कंबल के लिये और दक्षिण भारत सोने और कीमती पत्थरों के लिये प्रसिद्ध था। संभव है कि यहाँ से संसाधन नज़राने के रूप में एकत्र किये जाते थे।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याःउपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। मौर्य साम्राज्य में छोटे प्रांतों पर प्रांतीय राजधानियों द्वारा नियंत्रण रखा जाता था। उज्जैन और तक्षशिला प्रांतीय राजधानियाँ थीं।
कुछ हद तक पाटलिपुत्र (राजधानी) से इन क्षेत्रों में, राजकुमारों को राज्यपाल के रूप में भेजकर नियंत्रण रखा जाता था। परंतु इन जगहों पर स्थानीय परम्पराओं और नियमों को ही माना जाता था।
मौर्य शासक आवागमन के मार्गों पर नियंत्रण रखने का प्रयास करते थे। यहाँ से उन्हें संसाधन, कर और नज़राना/भेंट के रूप में प्राप्त होता था।
अर्थशास्त्र में यह लिखा है कि उत्तर-पश्चिम कंबल के लिये और दक्षिण भारत सोने और कीमती पत्थरों के लिये प्रसिद्ध था। संभव है कि यहाँ से संसाधन नज़राने के रूप में एकत्र किये जाते थे। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsचन्द्रगुप्त के दरबार में पश्चिम-एशिया के यूनानी राजा सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था। उसका नाम क्या था?
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याःमेगस्थनीज चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में यूनानी राजा सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था।
डिमेकस/डायमेकस बिन्दुसार के समय भारत आया था। फाह्यान चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के काल में भारत आया था। जबकि ह्वेनसांग हर्ष के काल से संबंधित है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याःमेगस्थनीज चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में यूनानी राजा सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था।
डिमेकस/डायमेकस बिन्दुसार के समय भारत आया था। फाह्यान चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के काल में भारत आया था। जबकि ह्वेनसांग हर्ष के काल से संबंधित है। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsनीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये:
1. पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है।
2. पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर एक स्थिर कक्षा में गति को परिक्रमण कहते हैं।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः
पृथ्वी अपने अक्ष पर निरंतर घूमती रहती है और लगभग 24 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है, इसे घूर्णन कहते हैं।
पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती हुई लगभग 1,00,000 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से सूर्य की परिक्रमा करती है। इस परिक्रमा को पूरी करने में लगभग 365 दिन और 6 घंटे लगते हैं। पृथ्वी की इस वार्षिक गति को परिक्रमण कहते हैं।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः
पृथ्वी अपने अक्ष पर निरंतर घूमती रहती है और लगभग 24 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है, इसे घूर्णन कहते हैं।
पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती हुई लगभग 1,00,000 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से सूर्य की परिक्रमा करती है। इस परिक्रमा को पूरी करने में लगभग 365 दिन और 6 घंटे लगते हैं। पृथ्वी की इस वार्षिक गति को परिक्रमण कहते हैं। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsपृथ्वी का अक्ष उसके कक्षा तल पर बने लंब से कितने डिग्री झुका हुआ है?
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः पृथ्वी का अक्ष एक काल्पनिक रेखा है। पृथ्वी का अक्ष उसके कक्षा तल पर बने लंब से 23½° झुका हुआ है। अर्थात् इसके कक्षीय सतह से 66½° का कोण बनाती है।
वह समतल जो कक्ष के द्वारा बनाया जाता है, उसे कक्षीय समतल कहते हैं।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः पृथ्वी का अक्ष एक काल्पनिक रेखा है। पृथ्वी का अक्ष उसके कक्षा तल पर बने लंब से 23½° झुका हुआ है। अर्थात् इसके कक्षीय सतह से 66½° का कोण बनाती है।
वह समतल जो कक्ष के द्वारा बनाया जाता है, उसे कक्षीय समतल कहते हैं। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsकेंचुए की शरीर रचना व उपयोगिता के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः
केंचुए के शरीर में अस्थियाँ नहीं होती हैं, परन्तु इनमें पेशियाँ होती हैं। ये पेशियाँ इसके शरीर के घटने (संकुचन) और बढ़ने (विस्तारण) में सहायता करती हैं। पेशियों के संकुचन और विस्तारण की प्रक्रिया से ही केंचुआ गति करता है। अतः कथन (a) गलत है। कथन (b), (c) व (d) सही हैं।
केंचुए के शरीर में छोटे-छोटे अनेक शूक मिट्टी में उसकी पकड़ को मजबूत बनाते हैं। इसके शरीर में कुछ चिकने पदार्थ होते हैं, ये भी इसके चलने में सहायक होते हैं।
केंचुए अपने रास्ते में आने वाली मिट्टी को खाते हैं। उनका शरीर अनपचे पदार्थ को बाहर निकालता है। केंचुए द्वारा किया गया यह कार्य मिट्टी को उपजाऊ बना देता है, जिससे पौधों को फायदा होता है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः
केंचुए के शरीर में अस्थियाँ नहीं होती हैं, परन्तु इनमें पेशियाँ होती हैं। ये पेशियाँ इसके शरीर के घटने (संकुचन) और बढ़ने (विस्तारण) में सहायता करती हैं। पेशियों के संकुचन और विस्तारण की प्रक्रिया से ही केंचुआ गति करता है। अतः कथन (a) गलत है। कथन (b), (c) व (d) सही हैं।
केंचुए के शरीर में छोटे-छोटे अनेक शूक मिट्टी में उसकी पकड़ को मजबूत बनाते हैं। इसके शरीर में कुछ चिकने पदार्थ होते हैं, ये भी इसके चलने में सहायक होते हैं।
केंचुए अपने रास्ते में आने वाली मिट्टी को खाते हैं। उनका शरीर अनपचे पदार्थ को बाहर निकालता है। केंचुए द्वारा किया गया यह कार्य मिट्टी को उपजाऊ बना देता है, जिससे पौधों को फायदा होता है।