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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा कथन पेटेन्ट को सही तरीके से परिभाषित करता है/हैं?
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः पेटेन्ट से तात्पर्य किसी विचार अथवा आविष्कार पर एकमात्र अधिकार से है। इसका संकेत R है।
कलात्मक पूंजी, जैसे- किताबें, लेख या चित्र आदि पर एकमात्र अधिकार को कॉपीराइट कहा जाता है।इसका संकेत C है।
व्यावसायिक बौद्धिक पूंजी के स्वामित्व को ट्रेडमार्क कहा जाता है। इसका संकेत TM है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः पेटेन्ट से तात्पर्य किसी विचार अथवा आविष्कार पर एकमात्र अधिकार से है। इसका संकेत R है।
कलात्मक पूंजी, जैसे- किताबें, लेख या चित्र आदि पर एकमात्र अधिकार को कॉपीराइट कहा जाता है।इसका संकेत C है।
व्यावसायिक बौद्धिक पूंजी के स्वामित्व को ट्रेडमार्क कहा जाता है। इसका संकेत TM है। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsनीचे दिये गए कथनों में से कौन-सा कथन ‘सतत् पोषणीय विकास’ को परिभाषित करता है?
Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः संसाधनों का सतर्कतापूर्वक उपयोग करना और उन्हें नवीकरण के लिये समय देना, संसाधन संरक्षण कहलाता है। संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता और भविष्य के लिये उनके संरक्षण में संतुलन बनाए रखना ही ‘सतत् पोषणीय विकास’ कहलाता है। अर्थात् संसाधनों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना ताकि न केवल वर्तमान पीढ़ी की अपितु भावी पीढ़ियों की आवश्यकताएँ पूरी होती रहें।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः संसाधनों का सतर्कतापूर्वक उपयोग करना और उन्हें नवीकरण के लिये समय देना, संसाधन संरक्षण कहलाता है। संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता और भविष्य के लिये उनके संरक्षण में संतुलन बनाए रखना ही ‘सतत् पोषणीय विकास’ कहलाता है। अर्थात् संसाधनों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना ताकि न केवल वर्तमान पीढ़ी की अपितु भावी पीढ़ियों की आवश्यकताएँ पूरी होती रहें। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsमृदा निर्माण के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
1. मृदा अपक्षय की प्रक्रिया के माध्यम से बनती है।
2. वनस्पति, प्राणी और सूक्ष्म जीव ह्यूमस निर्माण की दर को प्रभावित करते हैं।
3. उच्चावच तुंगता और ढाल मृदा परिच्छेदिका की मोटाई को निश्चित करते हैं।
उपरोक्त में से कौन-से कथन सत्य हैं?Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः कथन (1) एवं (2) सत्य हैं तथा कथन (3) गलत है। मृदा का निर्माण चट्टानों से प्राप्त खनिजों और जैव पदार्थों तथा भूमि पर पाए जाने वाले खनिजों से होता है। मृदा अपक्षय की प्रक्रिया के माध्यम से बनती है। मृदा निर्माण की प्रक्रिया विभिन्न कारकों द्वारा प्रभावित होती है।
(i) जलवायु, तापमान, वर्षा अपक्षय और ह्यूमस मृदा निर्माण की दर को प्रभावित करते हैं।
(ii) समय, मृदा परिच्छेदिका की मोटाई को निश्चित करता है।
(iii) वनस्पति, प्राणी और सूक्ष्म जीव मृदा में ह्यूमस निर्माण की दर को प्रभावित करते हैं।
(iv) उच्चावच, तुंगता और ढाल मृदा के संचय को निर्धारित करते हैं।
(v) जनक शैल मृदा के रंग, गठन, रासायनिक गुणधर्म, खनिज की मात्रा एवं पारगम्यता को निर्धारित करते हैं।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः कथन (1) एवं (2) सत्य हैं तथा कथन (3) गलत है। मृदा का निर्माण चट्टानों से प्राप्त खनिजों और जैव पदार्थों तथा भूमि पर पाए जाने वाले खनिजों से होता है। मृदा अपक्षय की प्रक्रिया के माध्यम से बनती है। मृदा निर्माण की प्रक्रिया विभिन्न कारकों द्वारा प्रभावित होती है।
(i) जलवायु, तापमान, वर्षा अपक्षय और ह्यूमस मृदा निर्माण की दर को प्रभावित करते हैं।
(ii) समय, मृदा परिच्छेदिका की मोटाई को निश्चित करता है।
(iii) वनस्पति, प्राणी और सूक्ष्म जीव मृदा में ह्यूमस निर्माण की दर को प्रभावित करते हैं।
(iv) उच्चावच, तुंगता और ढाल मृदा के संचय को निर्धारित करते हैं।
(v) जनक शैल मृदा के रंग, गठन, रासायनिक गुणधर्म, खनिज की मात्रा एवं पारगम्यता को निर्धारित करते हैं। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsब्रिटिश काल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. हिन्दुस्तान के नक्शे तैयार करने का कार्य रॉबर्ट क्लाइव ने जेम्स रेनेल को दिया था।
2. रॉबर्ट क्लाइव भारत का प्रथम गवर्नर जनरल था।
3. भारत का अंतिम गवर्नर जनरल लार्ड माउंटबेटन था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः
कथन 1 सही है, क्योंकि रॉबर्ट क्लाइव ने जेम्स रेनेल को हिन्दुस्तान के नक्शे तैयार करने का काम सौंपा था। भारत पर अंग्रेज़ों की विजय के समर्थक रेनेल को वर्चस्व स्थापित करने की प्रक्रिया में नक्शे तैयार करना महत्त्वपूर्ण लगता था।
वारेन हेस्टिंग्स 1773 में गवर्नर जनरल बना था जो कि भारत का पहला गवर्नर जनरल था। रॉबर्ट क्लाइव बंगाल का गवर्नर था। अतः कथन 2 गलत है।
भारत का अंतिम गवर्नर जनरल लार्ड माउंटबेटन था। अतः कथन 3 सही है।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः
कथन 1 सही है, क्योंकि रॉबर्ट क्लाइव ने जेम्स रेनेल को हिन्दुस्तान के नक्शे तैयार करने का काम सौंपा था। भारत पर अंग्रेज़ों की विजय के समर्थक रेनेल को वर्चस्व स्थापित करने की प्रक्रिया में नक्शे तैयार करना महत्त्वपूर्ण लगता था।
वारेन हेस्टिंग्स 1773 में गवर्नर जनरल बना था जो कि भारत का पहला गवर्नर जनरल था। रॉबर्ट क्लाइव बंगाल का गवर्नर था। अतः कथन 2 गलत है।
भारत का अंतिम गवर्नर जनरल लार्ड माउंटबेटन था। अतः कथन 3 सही है। -
Question 5 of 5
5. Question
2 points‘ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ नामक पुस्तक निम्नलिखित में से किसके द्वारा लिखी गई?
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः
1817 में स्कॉटलैण्ड के अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन विशाल खंडों में ‘ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ नामक पुस्तक लिखी।
इस किताब में उन्होंने भारत के इतिहास को हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश, इन तीन काल खंडों में बाँटा था।
मिल को लगता था कि सभी एशियाई समाज सभ्यता के मामले में यूरोप से पीछे हैं और ब्रिटिश शासन भारत को सभ्यता की राह पर ले जा सकता था। मिल ने तो यहाँ तक सुझाव दिया था कि अंग्रेज़ों को भारत के सारे भू-भाग पर कब्ज़ा कर लेना चाहिये ताकि भारतीय जनता को ज्ञान और सुखी जीवन प्रदान किया जा सके। वह मानता था कि अंग्रेज़ों की मदद के बिना हिन्दुस्तान प्रगति नहीं कर सकता।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः
1817 में स्कॉटलैण्ड के अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन विशाल खंडों में ‘ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ नामक पुस्तक लिखी।
इस किताब में उन्होंने भारत के इतिहास को हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश, इन तीन काल खंडों में बाँटा था।
मिल को लगता था कि सभी एशियाई समाज सभ्यता के मामले में यूरोप से पीछे हैं और ब्रिटिश शासन भारत को सभ्यता की राह पर ले जा सकता था। मिल ने तो यहाँ तक सुझाव दिया था कि अंग्रेज़ों को भारत के सारे भू-भाग पर कब्ज़ा कर लेना चाहिये ताकि भारतीय जनता को ज्ञान और सुखी जीवन प्रदान किया जा सके। वह मानता था कि अंग्रेज़ों की मदद के बिना हिन्दुस्तान प्रगति नहीं कर सकता।