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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsजिस समय बुद्ध उपदेश दे रहे थे उसी समय या उससे भी थोड़ा पहले दूसरे अन्य चिंतक भी कठिन प्रश्नों का उत्तर ढूंढने का प्रयास कर रहे थे। ये चिंतक उपनिषदों से संबंधित थे। इन उपनिषदों के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार कीजिये-
1. उपनिषद् उत्तर वैदिक काल का हिस्सा थे।
2. उपनिषद् का शाब्दिक अर्थ है ‘गुरु के समीप बैठना’।
3. इन ग्रंथों में अध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच बातचीत का संकलन किया गया है।
उपनिषदों के संदर्भ में उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
उत्तरः (d)
व्याख्याःउपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। उपनिषद् उत्तर वैदिक काल का हिस्सा है।
इसका शाब्दिक अर्थ ‘गुरु के समीप बैठना’ है।
इन ग्रंथों में अध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच बातचीत का संकलन किया गया है। प्रायः ये विचार सामान्य वार्तालाप के रूप में प्रस्तुत किये गए हैं।
इन चिंतकों में अधिकांश का मानना यह था कि इस विश्व में कुछ तो ऐसा है जो कि स्थायी है और मृत्यु के बाद भी बचा रहता है।
उन्होंने इसका वर्णन आत्मा तथा ब्रह्म अथवा सार्वभौम आत्मा के रूप में किया है। वे मानते थे कि अंततः आत्मा तथा ब्रह्म एक ही है।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याःउपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। उपनिषद् उत्तर वैदिक काल का हिस्सा है।
इसका शाब्दिक अर्थ ‘गुरु के समीप बैठना’ है।
इन ग्रंथों में अध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच बातचीत का संकलन किया गया है। प्रायः ये विचार सामान्य वार्तालाप के रूप में प्रस्तुत किये गए हैं।
इन चिंतकों में अधिकांश का मानना यह था कि इस विश्व में कुछ तो ऐसा है जो कि स्थायी है और मृत्यु के बाद भी बचा रहता है।
उन्होंने इसका वर्णन आत्मा तथा ब्रह्म अथवा सार्वभौम आत्मा के रूप में किया है। वे मानते थे कि अंततः आत्मा तथा ब्रह्म एक ही है। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsउपनिषदों में संकलित वार्तालापों/चर्चाओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
Correct
उत्तरः (d)
व्याख्याःउपर्युक्त कथन (a), (b) व (c) सही हैं परंतु (d) गलत है। निर्धन व्यक्ति इस तरह के वाद-विवाद में बहुत कम ही हिस्सा लेते थे।
इस तरह का एक प्रसिद्ध अपवाद सत्यकाम जाबाल का है। सत्यकाम जाबाल का नाम उसकी दासी माँ के नाम पर पड़ा था।
सत्यकाम के मन में सत्य जानने की तीव्र जिज्ञासा उत्पन्न हुई। गौतम नामक एक ब्राह्मण ने उन्हें अपने विद्यार्थी के रूप में स्वीकार किया। बाद में वे अपने समय के सर्वाधिक प्रसिद्ध विचारकों में से एक बन गए।
उपनिषदों के कई विचारों का विकास बाद में प्रसिद्ध विचारक शंकराचार्य के द्वारा किया गया।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याःउपर्युक्त कथन (a), (b) व (c) सही हैं परंतु (d) गलत है। निर्धन व्यक्ति इस तरह के वाद-विवाद में बहुत कम ही हिस्सा लेते थे।
इस तरह का एक प्रसिद्ध अपवाद सत्यकाम जाबाल का है। सत्यकाम जाबाल का नाम उसकी दासी माँ के नाम पर पड़ा था।
सत्यकाम के मन में सत्य जानने की तीव्र जिज्ञासा उत्पन्न हुई। गौतम नामक एक ब्राह्मण ने उन्हें अपने विद्यार्थी के रूप में स्वीकार किया। बाद में वे अपने समय के सर्वाधिक प्रसिद्ध विचारकों में से एक बन गए।
उपनिषदों के कई विचारों का विकास बाद में प्रसिद्ध विचारक शंकराचार्य के द्वारा किया गया। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsनीचे दिये गए कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. प्रमुख याम्योत्तर तथा 180° याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को समान भागों पूर्वी गोलार्द्ध एवं पश्चिमी गोलार्द्ध में विभक्त करती है।
2. 180° पूर्व एवं 180° पश्चिम याम्योत्तर एक ही रेखा पर स्थित है।
कूटःCorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः प्रमुख याम्योत्तर तथा 180° याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को दो समान भागों, पूर्वी गोलार्द्ध एवं पश्चिमी गोलार्द्ध में विभक्त करती हैं। इसलिये किसी स्थान के देशांतर के आगे पूर्व के लिये अक्षर पू. तथा पश्चिम के लिये प. का उपयोग करते हैं।
180° पूर्व और 180° पश्चिम याम्योत्तर एक ही रेखा पर स्थित है। तथा 180° देशान्तर रेखा को अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line) के नाम से जाना जाता है।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः प्रमुख याम्योत्तर तथा 180° याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को दो समान भागों, पूर्वी गोलार्द्ध एवं पश्चिमी गोलार्द्ध में विभक्त करती हैं। इसलिये किसी स्थान के देशांतर के आगे पूर्व के लिये अक्षर पू. तथा पश्चिम के लिये प. का उपयोग करते हैं।
180° पूर्व और 180° पश्चिम याम्योत्तर एक ही रेखा पर स्थित है। तथा 180° देशान्तर रेखा को अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line) के नाम से जाना जाता है। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsयदि कोई स्थान ग्रीनिच (ग्रीनविच) से 20° पूर्व में स्थित है तब ग्रीनिच (ग्रीनविच) और उस स्थान के समय में कितना अंतर होगा?
Correct
उत्तरः (b)
व्याख्याः
1° देशांतर = 4 मिनट
20° देशांतर = 20 × 4 = 80 मिनट = 1 घंटा 20 मिनट
अर्थात् अगर ग्रीनिच (ग्रीनविच) में 12 बजे होंगे तब उस स्थान पर 1 बजकर 20 मिनट हो रहे होंगे।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः
1° देशांतर = 4 मिनट
20° देशांतर = 20 × 4 = 80 मिनट = 1 घंटा 20 मिनट
अर्थात् अगर ग्रीनिच (ग्रीनविच) में 12 बजे होंगे तब उस स्थान पर 1 बजकर 20 मिनट हो रहे होंगे। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsनिम्नलिखित में कौन-से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के लिये आवश्यक हैं?
1. क्लोरोफिल
2. कार्बन डाइऑक्साइड
3. ऑक्सीजन
4. जल
5. प्रकाश
नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुनियेःCorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः पत्तियाँ प्रकाश और हरे रंग के एक पदार्थ (क्लोरोफिल) की उपस्थिति में अपना भोजन बनाती हैं। इस प्रक्रिया में जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करती हैं। इस प्रक्रम को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। इस प्रक्रम में ऑक्सीजन निष्कासित होती है। पत्तियों द्वारा संश्लेषित भोजन अंततः पौधे के विभिन्न भागों में मंड के रूप में संगृहीत हो जाता है।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः पत्तियाँ प्रकाश और हरे रंग के एक पदार्थ (क्लोरोफिल) की उपस्थिति में अपना भोजन बनाती हैं। इस प्रक्रिया में जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करती हैं। इस प्रक्रम को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। इस प्रक्रम में ऑक्सीजन निष्कासित होती है। पत्तियों द्वारा संश्लेषित भोजन अंततः पौधे के विभिन्न भागों में मंड के रूप में संगृहीत हो जाता है।