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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsराजस्थान के संदर्भ में चारण-भाट कौन लोग हैं?
Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः अक्सर यह माना जाता है कि राजपूतों ने राजस्थान को एक विशिष्ट संस्कृति प्रदान की है। ये सांस्कृतिक परंपराएँ वहाँ के शासकों के आदर्शों तथा अभिलाषाओं के साथ घनिष्ठता से जुड़ी हुई थी। लगभग 8वीं शताब्दी से आज के राजस्थान के अधिकांश भाग पर राजपूतों का शासन रहा। ये शासक जैसे शूरवीरों के आदर्शों को अपने हृदय में संजोए रखते थे, जिन्होंने रणक्षेत्रों में बहादुरी से लड़ते हुए अक्सर मृत्यु को वरण किया, मगर पीठ नहीं दिखाई। राजपूत शूरवीरों की कहानियाँ काव्यों एवं गीतों में सुरक्षित हैं। ये विशेष रूप से प्रशिक्षित चारण-भाटों के द्वारा गाई जाती हैं। ये काव्य एवं गीत ऐसे शूरवीरों की स्मृति को सुरक्षित रखते थे।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः अक्सर यह माना जाता है कि राजपूतों ने राजस्थान को एक विशिष्ट संस्कृति प्रदान की है। ये सांस्कृतिक परंपराएँ वहाँ के शासकों के आदर्शों तथा अभिलाषाओं के साथ घनिष्ठता से जुड़ी हुई थी। लगभग 8वीं शताब्दी से आज के राजस्थान के अधिकांश भाग पर राजपूतों का शासन रहा। ये शासक जैसे शूरवीरों के आदर्शों को अपने हृदय में संजोए रखते थे, जिन्होंने रणक्षेत्रों में बहादुरी से लड़ते हुए अक्सर मृत्यु को वरण किया, मगर पीठ नहीं दिखाई। राजपूत शूरवीरों की कहानियाँ काव्यों एवं गीतों में सुरक्षित हैं। ये विशेष रूप से प्रशिक्षित चारण-भाटों के द्वारा गाई जाती हैं। ये काव्य एवं गीत ऐसे शूरवीरों की स्मृति को सुरक्षित रखते थे। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsब्रिटिश लोग किस क्षेत्र को राजपूताना कहते थे?
Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश लोग इस क्षेत्र को जहाँ आज का अधिकांश राजस्थान स्थित है उसे राजपूताना कहते थे। इससे यह समझा जा सकता है कि वह एक ऐसा प्रदेश था, जहाँ केवल अथवा प्रमुख रूप से राजपूत ही रहा करते थे लेकिन यह बात आंशिक रूप से ही सत्य है, राजस्थान में राजपूतों के अलावा अन्य लोग भी रहते हैं।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश लोग इस क्षेत्र को जहाँ आज का अधिकांश राजस्थान स्थित है उसे राजपूताना कहते थे। इससे यह समझा जा सकता है कि वह एक ऐसा प्रदेश था, जहाँ केवल अथवा प्रमुख रूप से राजपूत ही रहा करते थे लेकिन यह बात आंशिक रूप से ही सत्य है, राजस्थान में राजपूतों के अलावा अन्य लोग भी रहते हैं। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsकौन-सी नृत्य शैली मुख्य रूप से उत्तर भारत के भू-भाग से जुड़ी है:
Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः कत्थक नृत्य शैली उत्तर भारत के अनेक भू-भाग से जुड़ी है। कत्थक शब्द ‘कथा’ शब्द से निकला है, जिसका प्रयोग संस्कृत तथा अन्य भाषाओं में कहानी के लिये किया जाता है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः कत्थक नृत्य शैली उत्तर भारत के अनेक भू-भाग से जुड़ी है। कत्थक शब्द ‘कथा’ शब्द से निकला है, जिसका प्रयोग संस्कृत तथा अन्य भाषाओं में कहानी के लिये किया जाता है। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsकत्थक से संबंधित नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
1. कत्थक मूल रूप से उत्तर भारत के मंदिरों में कहानी सुनाने वाली एक जाति थी।
2. कथाकार अपने हाव-भाव तथा संगीत से अपने कथावाचन को अलंकृत करते थे।
3. इसके अंतर्गत सीता-राम की पौराणिक आख्यान, लोक नाट्य के रूप में प्रस्तुत किये जाते थे।
निम्न में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
उत्तरः (d)
व्याख्याः कत्थक मूल रूप से उत्तर भारत के मंदिरों में कथा कहानी सुनाने वालों की एक जाति थी। ये कथाकार अपने हाव-भाव तथा संगीत से अपने कथावाचन को अलंकृत किया करते थे। 15वीं तथा 16वीं शताब्दियों में भक्ति आंदोलन के प्रसार के साथ-साथ कत्थक एक नृत्य शैली का रूप धारण करने लगा। राधा-कृष्ण के पौराणिक आख्यान (कहानियाँ) लोक नाट्य के रूप में प्रस्तुत किये जाते थे, जिन्हें (रासलीला) कहा जाता था। रासलीला में लोक नृत्य के साथ कत्थक कलाकार के मूल हाव-भाव भी जुड़े होते थे।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याः कत्थक मूल रूप से उत्तर भारत के मंदिरों में कथा कहानी सुनाने वालों की एक जाति थी। ये कथाकार अपने हाव-भाव तथा संगीत से अपने कथावाचन को अलंकृत किया करते थे। 15वीं तथा 16वीं शताब्दियों में भक्ति आंदोलन के प्रसार के साथ-साथ कत्थक एक नृत्य शैली का रूप धारण करने लगा। राधा-कृष्ण के पौराणिक आख्यान (कहानियाँ) लोक नाट्य के रूप में प्रस्तुत किये जाते थे, जिन्हें (रासलीला) कहा जाता था। रासलीला में लोक नृत्य के साथ कत्थक कलाकार के मूल हाव-भाव भी जुड़े होते थे। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsकत्थक मुख्य रूप से किन परंपराओं अर्थात् घरानों में मुख्य रूप से फूला-फलाः
1. जयपुर घराना
2. भोपाल घराना
3. ग्वालियर घराना
4. लखनऊ घराना
कूट:Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः मुगल बादशाहों और उनके अभिजातों के शासनकाल में कत्थक नृत्य राजदरबार में प्रस्तुत किया जाता था। जहाँ इस नृत्य ने अपने वर्तमान अभिलक्षण अर्जित किये और वह एक विशिष्ट नृत्य शैली के रूप में विकसित हो गया। आगे चलकर यह दो घरानों में फूला-फलाः राजस्थान (जयपुर) के राज-दरबारों में और लखनऊ में। अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह के संरक्षण में यह एक प्रमुख कला के रूप में उभरा तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद तो देश में इसे छः ‘शास्त्रीय’ नृत्य रूपों में मान्यता मिल गई।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः मुगल बादशाहों और उनके अभिजातों के शासनकाल में कत्थक नृत्य राजदरबार में प्रस्तुत किया जाता था। जहाँ इस नृत्य ने अपने वर्तमान अभिलक्षण अर्जित किये और वह एक विशिष्ट नृत्य शैली के रूप में विकसित हो गया। आगे चलकर यह दो घरानों में फूला-फलाः राजस्थान (जयपुर) के राज-दरबारों में और लखनऊ में। अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह के संरक्षण में यह एक प्रमुख कला के रूप में उभरा तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद तो देश में इसे छः ‘शास्त्रीय’ नृत्य रूपों में मान्यता मिल गई।