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Information
Old NCERT is important for UPSC exam preparation. Aspirants should always start their UPSC Civil Services preparation from the basic NCERT books.
Mostly IAS toppers told that NCERT is the foundation of their exam preparation.NCERT are very important from prelims perspective.
We are Providing NCERT based quiz for your preparation. In this quiz, There will have 5 questions in each quiz. The questions are mainly framed from old NCERT class 6 to 12. This quiz is intended to introduce you to basic concepts and certain relevant to UPSC IAS civil services preliminary exam.
Hope this test will help to increase your preparation level.
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Question 1 of 5
1. Question
2 pointsसूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये एवं नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये-
सूची-I (पुरास्थल) सूची-II (अवस्थिति) A. मेहरगढ़ 1. उत्तर प्रदेश B. कोल्डिहवा 2. कश्मीर C. चिरांद 3. पाकिस्तान D. गुफ़क्राल 4. बिहार कूटः A B C D
Correct
उत्तरः (b)
व्याख्याः⦁ मेहरगढ़ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में स्थित है। यहाँ से गेहूँ और जौ के अवशेष मिले हैं। मेहरगढ़ में पुरातत्त्वविदों को विभिन्न प्रस्तरों से अनेक जानवरों के अवशेष मिले हैं। इनमें हिरण तथा सूअर जैसे जंगली जानवरों की हड्डियाँ सबसे निचले प्रस्तर से मिली हैं। उसके बाद के स्तरों से भेड़ और बकरियों तथा उसके ऊपर ज़्यादातर मवेशियों की हड्डियाँ मिली हैं। इससे लगता है कि ये लोग मवेशी पालने लगे थे।
⦁ कोल्डिहवा उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद ज़िले में अवस्थित है। यहाँ से चावल और जानवरों की हड्डियों के टुकड़े प्राप्त हुए हैं।
⦁ चिरांद आधुनिक बिहार राज्य में अवस्थित है। यहाँ से गेहूँ, हरे चने, जौ, भैंस और बैल के अवशेष मिले हैं।
⦁ गुफ़क्राल आधुनिक कश्मीर में स्थित है। यहाँ से गेहूँ और दलहन के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।Incorrect
उत्तरः (b)
व्याख्याः⦁ मेहरगढ़ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में स्थित है। यहाँ से गेहूँ और जौ के अवशेष मिले हैं। मेहरगढ़ में पुरातत्त्वविदों को विभिन्न प्रस्तरों से अनेक जानवरों के अवशेष मिले हैं। इनमें हिरण तथा सूअर जैसे जंगली जानवरों की हड्डियाँ सबसे निचले प्रस्तर से मिली हैं। उसके बाद के स्तरों से भेड़ और बकरियों तथा उसके ऊपर ज़्यादातर मवेशियों की हड्डियाँ मिली हैं। इससे लगता है कि ये लोग मवेशी पालने लगे थे।
⦁ कोल्डिहवा उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद ज़िले में अवस्थित है। यहाँ से चावल और जानवरों की हड्डियों के टुकड़े प्राप्त हुए हैं।
⦁ चिरांद आधुनिक बिहार राज्य में अवस्थित है। यहाँ से गेहूँ, हरे चने, जौ, भैंस और बैल के अवशेष मिले हैं।
⦁ गुफ़क्राल आधुनिक कश्मीर में स्थित है। यहाँ से गेहूँ और दलहन के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। -
Question 2 of 5
2. Question
2 pointsनिम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये-
1. महागढ़ा उत्तर प्रदेश 2. बुर्ज़होम कश्मीर 3. हल्लूर आन्ध्र प्रदेश 4. पैय्यमपल्ली तेलंगाना उपर्युक्त पुरास्थलों में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित नहीं है/हैं?
Correct
उत्तरः (c)
व्याख्याः⦁ महागढ़ा वर्तमान उत्तर प्रदेश में अवस्थित है। इस पुरास्थल से चावल और मवेशी (मिट्टी पर खुरों के निशान के रूप में) के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
⦁ बुर्ज़होम वर्तमान कश्मीर में स्थित है। यहाँ से गेहूँ और दलहन, कुत्ते, मवेशी, भैंस, भेंड़ और बकरी के होने के साक्ष्य मिले हैं।
⦁ हल्लूर वर्तमान कर्नाटक में स्थित है। यहाँ से पुरातत्त्वविदों को ज्वार-बाजरा, मवेशी, भेड़, बकरी और सूअर के साक्ष्य मिले हैं।
⦁ पैय्यमपल्ली वर्तमान तमिलनाडु राज्य में स्थित है। यहाँ से काला चना, ज्वार-बाजरा, मवेशी, भेंड़ और सूअर के अवशेष पाए गए हैं।
हल्लूर कर्नाटक तथा पैय्यमपल्ली तमिलनाडु में अवस्थित है परन्तु NCERT (कक्षा-6) में दोनों पुरास्थलों को आन्ध्र प्रदेश में स्थित बताया गया है।Incorrect
उत्तरः (c)
व्याख्याः⦁ महागढ़ा वर्तमान उत्तर प्रदेश में अवस्थित है। इस पुरास्थल से चावल और मवेशी (मिट्टी पर खुरों के निशान के रूप में) के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
⦁ बुर्ज़होम वर्तमान कश्मीर में स्थित है। यहाँ से गेहूँ और दलहन, कुत्ते, मवेशी, भैंस, भेंड़ और बकरी के होने के साक्ष्य मिले हैं।
⦁ हल्लूर वर्तमान कर्नाटक में स्थित है। यहाँ से पुरातत्त्वविदों को ज्वार-बाजरा, मवेशी, भेड़, बकरी और सूअर के साक्ष्य मिले हैं।
⦁ पैय्यमपल्ली वर्तमान तमिलनाडु राज्य में स्थित है। यहाँ से काला चना, ज्वार-बाजरा, मवेशी, भेंड़ और सूअर के अवशेष पाए गए हैं।
हल्लूर कर्नाटक तथा पैय्यमपल्ली तमिलनाडु में अवस्थित है परन्तु NCERT (कक्षा-6) में दोनों पुरास्थलों को आन्ध्र प्रदेश में स्थित बताया गया है। -
Question 3 of 5
3. Question
2 pointsकथन (A) : नवपाषाण काल के लोग कपड़े बुनने लगे थे।
कारण (R) : नवपाषाण काल में कपास उपजाया जाने लगा था।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये।Correct
उत्तरः (a)
व्याख्याः नवपाषाण काल में मनुष्य ने कपड़े बुनना सीख लिया था, इसके लिये कपास जैसे आवश्यक पौधे उगाने में अब मनुष्य सक्षम हो गया था। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।Incorrect
उत्तरः (a)
व्याख्याः नवपाषाण काल में मनुष्य ने कपड़े बुनना सीख लिया था, इसके लिये कपास जैसे आवश्यक पौधे उगाने में अब मनुष्य सक्षम हो गया था। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है। -
Question 4 of 5
4. Question
2 pointsनिम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये-
1. कलपट्टु – तमिलनाडु का एक गाँव
2. चखेसंग समुदाय – नागालैण्ड की जनजाति
3. कैटामरैन में मछुआरों की छोटी नाव – कलपट्टु (तमिलनाडु)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से युग्म सुमेलित है/हैं?Correct
उत्तरः (d)
व्याख्याः कलपट्टू, तमिलनाडु में समुद्र तट के पास का गाँव है। यह गाँव छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहाँ सिंचित ज़मीन पर मुख्यतः धान की खेती होती है। यहाँ गन्ना, कपास और केला भी उगाया जाता है। यहाँ नारियल के भी काफी बाग हैं। नागालैंड के चिजामी गाँव में चखेसंग समुदाय के लोग रहते हैं। ये लोग पहाड़ी की ढलुवाँ ज़मीन को सीढ़ीनुमा खेत के रूप में बदलकर उस पर खेती करते हैं। खेत के किनारों को ऊपर उठा देते हैं जिससे उसमें पानी रोका जा सके, यह चावल की खेती के लिये उपयुक्त है। कलपट्टु में मछुआरे मछली पकड़ने के लिये खास तरह की छोटी नाव बनाते हैं, जिसे कैटामरैन कहा जाता है।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याः कलपट्टू, तमिलनाडु में समुद्र तट के पास का गाँव है। यह गाँव छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहाँ सिंचित ज़मीन पर मुख्यतः धान की खेती होती है। यहाँ गन्ना, कपास और केला भी उगाया जाता है। यहाँ नारियल के भी काफी बाग हैं। नागालैंड के चिजामी गाँव में चखेसंग समुदाय के लोग रहते हैं। ये लोग पहाड़ी की ढलुवाँ ज़मीन को सीढ़ीनुमा खेत के रूप में बदलकर उस पर खेती करते हैं। खेत के किनारों को ऊपर उठा देते हैं जिससे उसमें पानी रोका जा सके, यह चावल की खेती के लिये उपयुक्त है। कलपट्टु में मछुआरे मछली पकड़ने के लिये खास तरह की छोटी नाव बनाते हैं, जिसे कैटामरैन कहा जाता है। -
Question 5 of 5
5. Question
2 pointsपुष्प के विभिन्न भागों में निम्नलिखित में से कौन-सा/से सम्मिलित नहीं है/हैं?
1. बाह्यदल
2. पंखुड़ी
3. पुंकेसर
4. स्त्रीकेसर
5. मूलांकुर
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनियेःCorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याःबाह्यदल, पंखुड़ी, पुंकेसर एवं स्त्रीकेसर पुष्प के विभिन्न भाग हैं। पराग कोश और तंतु पुंकेसर के भाग हैं जबकि वर्तिका, वर्तिकाग्र, अण्डाशय और बीजांड स्त्रीकेसर के भाग हैं।
बीज के जमने के समय जो भाग मूलज या मूलांकुर से निकलता है, उसे जड़ कहते हैं। अतः मूलांकुर बीज से सम्बन्धित है।Incorrect
उत्तरः (d)
व्याख्याःबाह्यदल, पंखुड़ी, पुंकेसर एवं स्त्रीकेसर पुष्प के विभिन्न भाग हैं। पराग कोश और तंतु पुंकेसर के भाग हैं जबकि वर्तिका, वर्तिकाग्र, अण्डाशय और बीजांड स्त्रीकेसर के भाग हैं।
बीज के जमने के समय जो भाग मूलज या मूलांकुर से निकलता है, उसे जड़ कहते हैं। अतः मूलांकुर बीज से सम्बन्धित है।