प्रधानमंत्री वन धन योजना पर राष्‍ट्रीय कार्यशाला का आरंभ

“प्रधानमंत्री वन धन योजना (पीएमवीडीवाई) पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला” आज से नई दिल्‍ली में शुरू हो रही है। पीएमवीडीवाई जनजातीय कार्य मंत्रालय की 100 दिनों की योजना का एक घटक है। कार्यशाला का आयोजन कार्यक्रम के तहत सभी गतिविधियों का जायजा लेने और भविष्य के कदमों की योजना बनाने के लिए किया गया है। इस कार्यशाला में ट्राइफेड टीम के साथ 25 राज्यों के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

ट्राइफेड के महानिदेशक श्री प्रवीण कृष्णा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वन धन योजना जनजातीय उद्यमी तैयार कर रही है और यह एमएसपी कार्यक्रम नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनजातीय उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और विपणन बहुत महत्वपूर्ण कारक हैं। इसके अलावा खुदरा विक्रेताओं को अच्छा कमीशन प्रदान करते हुए उनका एक निष्‍ठावान नेटवर्क तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ तकनीकी सहायता के साथ-साथ एक अच्छा व्यवसाय मॉडल अपनाने की और मूल्य संवर्धन पर ध्‍यान केंद्रित किए जाने की जरूरत है।

ट्राइफेड को अब तक 15 राज्यों से 555 वीडीवीके प्रस्ताव प्राप्‍त हुए हैं और उन्‍हें मंजूरी दी जा चुकी है, इनमें आंध्र प्रदेश (30), असम (3), बिहार (8), छत्तीसगढ़ (136), गुजरात (17), झारखंड (39), कर्नाटक (19), मध्य प्रदेश (20), महाराष्ट्र (64), मणिपुर (6), नागालैंड (20), ओडिशा (156), राजस्थान (25), तमिलनाडु (7) और उत्तर प्रदेश (5) शामिल हैं।

राज्य नोडल विभागों तथा राज्‍यों की कार्यान्वयन एजेंसियों को अपने-अपने राज्य में वन धन केंद्रों की स्थापना के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की जरूरत है, जिनमें प्रत्येक राज्य में एक-एक मॉडल डेमो वीडीवीके केंद्र की स्‍थापना किया जाना भी शामिल है। राज्य नोडल/कार्यान्वयन एजेंसी में से प्रत्येक के वरिष्ठ अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे राज्य में पीएमवीडीवाई के कार्यान्‍वयन के संबंध में मंजूरी के बाद होने वाली गतिविधियों का एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करें।

लगभग 208 वीडीवीके प्रस्ताव जिनमें मध्य प्रदेश (100), मणिपुर (69) और मिजोरम (39) अभी योजना की प्रक्रिया में हैं, जिनके 10 नवंबर, 2019 तक प्राप्त होने और स्वीकृत होने की उम्मीद है। राज्यों के संबंधित नोडल विभागों/कार्यान्वयन एजेंसियों को उन्‍हें जल्द से जल्द प्रस्तुत करने और साथ ही साथ राज्‍य में पीएमवीडीवाई के कार्यान्वयन से संबंधित गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण भी पेश किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा, शेष राज्यों में जहां भी पीएमवीडीवाई का कार्यान्वयन शुरू होना बाकी है, वहां आवश्यक कार्रवाई किए जाने और वीकेडीके प्रस्तावों को तुरंत प्रस्तुत करने की जरूरत है।

वन धन कार्याक्रम से संबंधित सभी प्रकार के दिशा-निर्देशों, परिचालन प्रक्रियाओं, सम्मिलित की गई प्रक्रियाओं, प्रस्ताव के प्रारूपों, व्यावसायिक मॉडल्‍स, अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍नों तथा स्‍वीकृति से पहले और बाद की गतिविधियों आदि से संबंधित सभी दस्तावेज, दिए गए लिंक के अनुसार: – गूगल शीट “वन धन की राज्य निगरानी” शीर्षक वाले डैशबोर्ड पर अपलोड किए गए हैं। उपरोक्त डैशबोर्ड गतिविधियों की निगरानी करने और साथ ही साथ उन मुद्दों को उजागर करने के लिए सृजित किए गए हैं, जिनके निवारण किए जाने की आवश्यकता है। राज्य नोडल विभागों/राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों से पहले ही एक नोडल व्यक्ति और एक टीम को नामित करने का अनुरोध किया जा चुका है, जो नियमित आधार पर वन धन डैशबोर्ड का समन्वय और उसे अद्यतन कर सके।

ट्राइफेड पीएमवीडीवाई के लिए आईटी प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप्लीकेशन तैयार करने की प्रक्रिया में है। कार्यशाला में इसकी विभिन्न विशेषताओं के बारे में चर्चा की जाएगी और इसे सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया का पता लगाया जा सके। आईटी प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप के लिए एसआरएस दस्तावेज वन धन डैशबोर्ड पर अपलोड कर दिया गया है।

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