10 वर्षीय ग्रामीण स्वच्छता रणनीति (2019-2029) का राष्ट्रीय उद्घाटन

National Inauguration of 10-Year Rural Sanitation Strategy (2019-2029)

भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्‍ल्‍यूएस) ने 10 वर्षीय ग्रामीण स्वच्छता रणनीति (2019-2029) की शुरुआत की है जो स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) के तहत हासिल स्वच्छता व्यवहार परिवर्तन को बनाए रखने पर केंद्रित है। इसके तहत सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी पीछे न रहे और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन तक पहुंच बढ़े।

वर्ष 2014 में एसबीएम-जी के लॉन्च के बाद से अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 10 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए हैं, 5.9 लाख से अधिक गांवों, 699 जिलों और 35 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों ने खुद को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया है। यह रणनीति डीडीडब्‍ल्‍यूएस द्वारा राज्य सरकारों एवं अन्य हितधारकों के परामर्श से तैयार की गई है। यह स्थानीय सरकारों, नीति निर्माताओं, कार्यान्वयनकर्ताओं एवं अन्य संबंधित हितधारकों को ओडीएफ प्लस के लिए योजना बनाने में मार्गदर्शन के लिए एक रूपरेखा तैयार करती है। ओडीएफ प्‍लस ऐसी श्रेणी है जहां हर कोई शौचालय का उपयोग करता है और हर गांव में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन है।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस रणनीति का उद्घाटन किया और कहा, “यह रणनीति पुस्तक एसबीएम-जी के प्रयासों को बनाए रखने के लिए एक रूपरेखा है। देश ने अभूतपूर्व प्रगति का प्रदर्शन किया है और सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने अपने ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया है जो महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उनके लिए उपयुक्‍त श्रद्धांजलि है। मैं इस लक्ष्य को हासिल करने में किए गए प्रयासों के लिए राज्‍य सरकारों के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं। एसबीएम-जी की वजह से ही भारत अब स्वच्छता के मामले में अन्य देशों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया है।”

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में सचिव श्री परमेश्‍वरण अय्यर ने कहा, “भारत में एक स्वच्छता क्रांति दिखी है और एसबीएम-जी ने खुद को एक जन-आंदोलन में बदल दिया है। यह 10 वर्षीय रणनीति राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा क्षमता सुदृढ़ीकरण, आईईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार), जैविक अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, ग्रे जल प्रबंधन और काले पानी के प्रबंधन के माध्यम से इस मिशन के लाभ को सतत बनाए रखने की आवश्यकता पर केंद्रित है।”

यह रणनीति विकास सहयोगियों, नागरिक समाज और अंतर-सरकारी भागीदारी के साथ संभावित सहयोग के बारे में भी बताती है। यह स्वच्छता वित्तपोषण के लिए अभिनव मॉडल पर भी प्रकाश डालता है।

हम 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्‍हें एक स्वच्छ भारत समर्पित करने की तैयारी कर रहे हैं। राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि कोई भी पीछे न रहे और अगर किसी घर में शौचालय नहीं है तो उसे प्राथमिकता के आधार पर शौचालय बनाने की सुविधा दी जाए।

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