एनएसएस का 76वां सर्वेक्षण

पेय जल, स्‍वच्‍छता, साफ सफाई और आवास की स्थिति पर एनएसएस की रिपोर्ट सं 584: एनएसएस का 76वां सर्वेक्षण (जुलाई-दिसंबर 2018)

1. केन्‍द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने राष्‍ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 76 वें राउंड के रूप में देश में पेयजल,साफ सफाई और स्‍वच्‍छता की स्थिति पर एक सर्वेक्षण कराया। इसके पहले एनएसओ की ओर से जुलाई 2008 से जून 2009 के बीच एनएसएस के 65 वें राउंड के तहत और जुलाई –दिसंबर 2012 के बीच एनएसएस के 69 राउंड के तहत इन विषयों पर सर्वेक्षण कराया गया था

2. इस सर्वेक्षण का मूल उद्देश्‍य परिवारों को उपलब्‍ध पेयजल, स्‍वच्‍छता और आवास की सुविधाओं तथा घरों के आसपास उपलब्‍ध वातावरण की जानकारी जुटाना था जो लोगों के लिए गुणवत्‍ता युक्‍त रहन सहन की स्थितियां सुनिश्चित करती हैं। यह जानकारियां जिन महत्‍वपूर्ण तथ्‍यों पर जुटाई गईं उनमें अवासीय इकाइयों का प्रकार( अलग मकान, फ्लैट आदि) ऐसी इकाइयों के मालिकाना हक का प्रकार ( जैसे खुद का मकान,किराए का मकान या खाली मकान आदि) , आवासीय इकाइयों का ढ़ाचां जैसे (पक्‍का , कच्‍चा पक्‍का, या कच्‍चा) , आवासीय इकाइयों की स्थिति ( अच्‍छी, संतोषजनक तथा खराब), आवासीय इकाइयों का फ्लोर एरिया, उनके निर्माण का समय, ऐसी इकाइयों में पेयजल, बाथरूम आदि की सुविधा तथा ऐसी इकाइयों के आसपास जल निकासी,कचरे और गंदे जल के निस्‍तारण की सुविधा तथा मक्खियों और मच्‍छरों की समस्‍या आदि शामिल हैं।

3. वर्तमान सर्वेक्षण पूरे देश में कराया गया। इसके लिए देशभर से 106838 नमूने इकठ्ठा किए गए। (ग्रामीण क्षेत्रों से 63763 और शहरी क्षेत्र से 43102) इनमें से 5378 गांवों से और 3614 शहरी क्षेत्रों के यूएफएस ब्‍लाकों से जुटाए गए। नमूनों को इकठ्ठा करने के लिए वैज्ञानिक पद्धति अपनाई गई। यह रिपोर्ट एनएसएस के 76 वें दौर के दौरान पेयजल, स्वच्छता, साफ सफाई और आवास की स्थिति पर सर्वेक्षण के माध्यम से एकत्र केंद्रीय नमूना आंकड़ों पर आधारित है।

सर्वेक्षण के कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष, परिवारों की ओर से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर, निम्नलिखित पैराग्राफ में प्रस्तुत किए जा रहे हैं:

3.1 पेयजल सुविधा

ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों के लिए पेयजल का मुख्‍य स्रोत हैंड पंप पाया गया जबकि शहरी क्षेत्रों में पाइप लाइन इसका मुख्‍य स्रोत पाया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 42.9% परिवारों ने पीने के पानी के लिए हैंड पंप का इस्‍तेमाल किया जबकि शहरी क्षेत्रों में 40.9% लोगों ने इसके लिए पाइप लाइन का इस्‍तेमाल किया।

ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 48.6% परिवारों की और शहरी क्षेत्रों में करीब 57.5%

परिवारों को पीने के पानी के मूल स्रोत तक पहुंच पाई गई।

(c) ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 87.6% और शहरी क्षेत्र में करीब 90.9% क्षेत्र में साल भर प्रमुख स्रोतों से पर्याप्‍त मात्रा में पीने का पानी उपलब्‍ध रहा।

ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 58.2% और शहरी क्षेत्रो में करीब 80.7% परिवारों को उनके घरों में पीने के पानी की सुविधा उपलब्‍ध पायी गई।

ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 94.5% और शहरी क्षेत्र में करीब 97.4% इलाकों में गुणवत्‍ता वाले पेय जल का इस्‍तेमाल किया गया जिसमें बोतल बंद पानी,पाइप लाइन से आने वाला पानी, टयूब वेल का पानी ,सार्वजनिक रूप से टैंकों से आपूर्ति किया जाने वाला पानी,संरक्षित झरनों और वर्षाजल संरक्षण से के स्रोतों से उपलब्‍ध पानी आदि शामिल है।

ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 51.4% और शहरी क्षेत्रों मे करीब 72.0% इलाकों में गुणवत्‍ता वाला पीने का पानी घरों में साल भर इस्‍तेमाल किया गया।

3.2 बाथरूप और साफ सफाई की सुविधा:

a) ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 50.3% और शहरी क्षेत्रों मे करीब 75.0% परिवारों के पास बाथरूम की सुविधा उपलब्‍ध रही

b) ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 56.6% और शहरी क्षेत्र में करीब 91.2% इलाके में लोगों को बाथरूम की सुविधा उपलब्‍ध थी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में 48.4% परिवारों और शहरी क्षेत्र में 74.8% प्रतिशत परिवारों के पास घर में बाथरूम सुविधा पायी गई।

(c) ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 71.3% और शहरी क्षेत्रों में करीब 96.2% क्षेत्रों में शौचालय की सुविधा रही।

ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में फ्लश या सेप्टिक टैंक वाले शौचालय इस्‍तेमाल किए गए। ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 50.9% परिवारों में तथा शहरी क्षेत्रों में करीब 48.9% परिवारों में ऐसे शौचालयों का इस्‍तेमाल किया गया।

परिवारों में शौचालय तक पहुंच थी उनमें ग्रामीण क्षेत्रों मे लगभग 94.7% पुरुष और 95.7% महिलाएँ नियमित रूप से शौचालय का उपयोग करती पाई गईं, जबकि शहरी क्षेत्रों में लगभग 98.0% पुरुष और 98.1% महिलाएँ नियमित रूप से शौचालय का उपयोग करती पाई गईं।

जिन घरों में शौचालयों की पहुंच थी, उनमें ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 93.8% पुरुष 94.6% महिलाओं ने नियमित रूप से इनका उपयोग किया, जबकि शहरी क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं दोनों में से लगभग 97.2 प्रतिशत ने नियमित रूप से इनका उपयोग किया।

जिन घरों में अच्‍छी सुविधा वाले शौचालयों की सुविधा थी उनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 85.8% पुरुषों और 86.4% महिलाओं ने इसका नियमित रूप से इस्‍तेमाल किया जबकि शहरी क्षेत्रों में यह संख्‍या 82.4% पुरूष और 84.7% महिलाओं की रही।

जिन घरों में शौचालयों की सुविधा थी उनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 3.5% और शहरी क्षेत्रों में करीब 1.7% परिवार के सदस्‍यों ने इसका इस्‍तेमाल किया।

जिन घरों में शौचालयों का इस्‍तेमाल किया गया उनमें से ग्रामीण क्षेत्रों के 4.5% परिवारों और शहरी क्षेत्र के 2.1% प्रतिशत परिवारों ने शौचालय में पानी नहीं होने की बात कही।

ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 48.0% और शहरी क्षेत्रो में 86.1% परिवारों के पास घर में शौचालय मौजूद थे।

3.3 मालिकाना हक के मामले में आवासीय इकाइयों का प्रकार

a) ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 96.0% और शहरी क्षेत्र में करीब 63.8% परिवारों के पास उनके अपने घर थे।

b) घरों में रहने वाले लोगों में से ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 96.7% परिवार और शहरी क्षेत्र में करीब 91.5% परिवार इन घरों का इस्‍तेमाल केवल रहने के लिए करते पाए गए।

(c) ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 89.0% और शहरी क्षेत्र में करीब 56.4% परिवारों के पास अपने अलग से रहने के घर थे। ग्रामीण क्षेत्र में करीब 76.7% और शहरी क्षेत्र में करीब 96.0% परिवारों के पास पक्‍के मकान थे।

ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय इकाइयों में रहने वाले लोगों के पास करीब 46.6 वर्ग मीटर तथा शहरी क्षेत्रों मे रहने वालों के पास करीब 46.1वर्ग मीटर के फ्लोर एरिया वाली अवासीय इकाइयां रहीं।

3.4 घरेलू इस्‍तेमाल के लिए बिजली:

घरों में रहने वाले परिवारों में से ग्रामीण क्षेत्र में करीब 93.9% और शहरी क्षेत्र में करीब 99.1% के पास घरेलू इस्‍तेमाल के लिए बिजली उपलब्‍ध थी।

3.5 घरों के आसपास की सुविधाएं:

घरों में रहने वाले परिवारों में, ग्रामीण क्षेत्रों मे लगभग 48.3% और शहरी इलाकों में लगभग 86.6% घरों में रसोई गैस का उपयोग खाना पकाने के लिए किया गया।

घरों में रहने वाले परिवारों में ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 61.1% और शहरी क्षेत्रों में करीब 92.0% परिवारों के पास उनके घरों में गंदे पानी तथा कचरे के निस्‍तारण के लिए नालियों की सुविधा पायी गई।

घरों में रहने वाले परिवारों में से ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 48.1% और शहरी क्षेत्रों में करीब 71.1% गंदे पानी को बिना शोधन के नालियों में बहाते रहे।

घरों मे रहने वाले परिवारों में से ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 72.4% और शहरी क्षेत्रों में करीब 70.3% परिवार घर से निकलने वाले कचरों को कूड़ेघर में डालने की बजाए खुले में फेंकते रहे।

घरों में रहने वाले परिवारों में से ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 80.4% प्रतिशत के पास और शहरी क्षेत्रों में करीब 74.1% प्रतिशत के पास घरों से कूड़ा ले जाने की कोई सुविधा नहीं थी।

घरों में रहने वाले परिवारों में से ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 87.1% और शहरी क्षेत्रों में करीब 95.7% के पास घर के सामने सड़क,लेन या पक्‍के रास्‍ते की सुविधा थी।

4. पेयजल, स्‍वच्‍छता, साफ सफाई और आवास की स्थिति पर तैयार यह रिपोर्ट और उससे जुड़े आंकड़े www.mospi.gov.in.पर उपलब्‍ध हैं।

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